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Pankhuri Gupta

Inspirational

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Pankhuri Gupta

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हिन्दुस्तानी हो तुम यारों

हिन्दुस्तानी हो तुम यारों

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वो सरहद पर देश बचाता है तुम आपस में यूँ टकराओ ना,

हिंदुस्तानी हो तुम यारों समझाऊँ कैसे बतलाओ ना।

-50° है सियाचिन में फिर भी डता वही रहता है,

50 ° में रजिस्थान में देश की रक्षा निरंतर करता है,

धर्म के नाम पर लड़ कर तुम हिंदुस्तानी नाक कटाओ ना,

हिंदुस्तानी हो तुम यारों समझाऊँ कैसे बतलाओ ना।

एक अकेली लड़की को देख तू मौका अच्छा है सोचता है,

तू नोचता है लड़की की इज्जत जब वो देश की शान के लिए लड़ता है,

हिन्दुस्तान को बचाते है वो तुम हिंदुस्तानी नारी बचाओ ना,

हिंदुस्तानी हो तुम यारों समझाऊँ कैसे बतलाओ ना।

चंद वोटों के खातिर नेताजी तुम हिन्दू मुस्लिम कराते हो,

भाषण में तो खुद को तुम देश का सेवक बताते हो,

अपना बेटा भेजो सरहद पर फिर हिन्दुस्तान के सेवक कहलाआे ना,

हिंदुस्तानी हो तुम यारों समझाऊँ कैसे बतलाओ ना।

बेटे ही नहीं लड़ते सरहद पर बेटियां भी लड़ जाती हैं,

मारती ही नहीं दुश्मन को उनके सीने पर तिरंगे लहराती हैं,

हिंदुस्तानी शेरनी हैं तुम उनको यूँ बिल्ली समझ डराओ ना,

हिंदुस्तानी हो तुम यारों समझाऊँ कैसे बतलाओ ना।

हिन्दुस्तान की सरहद वो बचा रहा है तुम हिन्दुस्तानियों को बचाओ ना,

हिंदुस्तानी हो तुम यारों समझाऊँ कैसे बतलाओ ना।।


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