Sneha Dhama

Abstract Inspirational Others

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Sneha Dhama

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हिन्द

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हिन्दी है हम,वतन है हिंदोस्तां हमारा

यूं जो बांटें है, साल महीने और दिन

किसी के हिस्से आए हैं, फिर कुछ लम्हें 

तो किसी के चंद गिनती के वो दिन।


फिर से गुनगुनाते लौट आए हैं इस दिन

जहां याद आती है, कभी न भूल पाने वाली

सौहार्दपूर्ण हिन्द से परिपूर्ण हिन्दी की।


गर समझने वाले है तो समझ सकते हैं,

इस कठिन,कुछ अपनी सी दिखाई देने 

वाले रूप में सिमटने वाली इस मातृभाषा को।


सम्भाल सकते हैं वो भारी भरकम से शब्द,

जो ठहराते हैं, दिखातेे है कुछ अल्फाजों से

भी जीती जा सकती है ये जंंग।

हिन्दी है हम।


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