हिंद के वीर सैनिक
हिंद के वीर सैनिक
आजाद हिंद के वीर सैनिक,
हमें नाज़ है तुम पर,
करते हैं सलाम,
तुम्हें दिल से।
मेरे देश के वीर 'सैनिक',
चलते हैं जब,
जोशीला समा बनता है।
पीछे उसके उठती है धूल,
क्या खूब नज़ारा होता है।
दुश्मन भी काँपने लगता है,
सुनकर उनकी ललकार!!!
हिम्मत नहीं होती फिर,
दुश्मन और गद्दारों की।
आपातकाल हो या युद्ध,
खरे उतरते,
हैं दोनों में ,
बात आन की आये तो!!
फिर हँसकर,
शीश कटाते हैं।
क्या खूब हिम्मत है वीरों की,
जा घुसते हैं,
उनके ठिकानों पर,
विचलित हो उठता है दुश्मन,
सुनकर ललकार ये वीरों की।
बस,
यही वो मंजर हैं,
जो वीरों को भाता है ,
हार कभी ना माने वो,
बलिदान खुशी से दे दे वो!!
देश प्रेम और देश दाझ,
शक्ति समर्पण देता है,
ऐसे जज़्बे वीर सैनिक के,
क्यूँ न करे अभिमान हम।
आज़ाद हिंद के वीर सैनिक,
हमें नाज़ है तुम पर,
करते है सलाम तुम्हें दिल से। ।