STORYMIRROR

Bhushan Singh

Inspirational

2  

Bhushan Singh

Inspirational

हे वीर

हे वीर

1 min
247


जीवन के मैदान में, हर कदम पे जंग हैं।

लड़ना पड़ेगा तुझको ही, कोई नहीं तेरे संग हैं।

खुद का अस्तित्व कर, ऐसा नेतृत्वा कर।

इस जंग के मैदान में, दुश्मन को तू चित कर।


खुद को तू जीत का लिबास बना दे।

हे वीर - इतिहास बना दे..।


निर्णय पे अपने अड़े रहो, लक्ष्य को तुम रटे रहो।

विश्वास का पहाड़ बना हर मुश्किल पे डंटे रहो।

कर के अपनी जीत सबके होश उड़ा दे।

हे वीर - इतिहास बना दे..।


अगर किये तैयारी हो, सब पर तुम भारी हो।

फ़तेह का झंडा गाड़ ही दोगे, बेशक दुनिया सारी हो।

करके कोशिश खुद को, तुम खास बना दे।

हे वीर - इतिहास बना दे..।


आम नहीं तुम ख़ास हो, तुम खुद ही खुद के बॉस हो।

सफलता की तैयारी में आत्म विश्वास से लैस हो।

भूषण जैसे सपनो को तू प्यास बना दे।

हे वीर - इतिहास बना दे..।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Bhushan Singh

Similar hindi poem from Inspirational