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Dikshant Rawat

Abstract

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Dikshant Rawat

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हार जीत

हार जीत

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जीत की खुशी अलग है

लेकिन हार जाना भी एक कला है

इंसान इंसान की बात है

कोई बुरा हे तो कोई भला है


जीतने में वाह वाह है

लेकिन हार में तो सज़ा है

जीतने में खुशी तो है

लेकिन सज़ा में अलग मज़ा तो है


जीत ने सिखाया आगे बढ़ना

लेकिन हार तो सीख देती है

जीत हाथ रोक दें मगर

हार हाथ खोल देती है


जीतने वाले को अक्सर हार का डर रहता है

हार को कौन हराए वो तो बेफिक्र रहता है

जीत से जीत जाएं भी पर हार का ही डर रहें

हार को कोशिश समझकर आगे आगे बढ़ रहें


जीत तो इक मीठी खुशी है

हार तो मीठा दर्द है

जीत कामयाबी देती है

मगर हार जीना सिखा देती है।


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