हां मुझे मेरे मुल्क से मोहब्बत तो है
हां मुझे मेरे मुल्क से मोहब्बत तो है
हां! मुझे मेरे मुल्क से मोहब्बत तो है,
ये बात और है कि मैं चीखता नहीं,
तुम्हारी तरह चिल्लाता नहीं ,
मैं ये नहीं कहता कि मैं मर सकता हूं,
क्योंकि सचमुच, मैं कर सकता हूं...!।
तुम हमको हर रोज , धर्म के नाम पर बांटोगे,
पर इस मिट्टी से,शहीदों के खून को कैसे छांटोगे ?
तुम मंदिर गिराओगे, फिर मस्जिद गिराओगे,
सारा शहर भी जलाओगे,
फिर मासूम बन कर चुपचाप हो जाओगे !!
तुम कभी कहोगे मुस्लिम खतरे में है,
कभी कहोगे हिंदू खतरे में हैं,
मंच पर खड़े होकर ,छप्पन इंच का सीना ताने,
तुम हवाओं में जहर फैलाओगे ।।
फिर हमसे, हमारी ही बर्बादी कि तालियां भी बजवाओगे।
तुम मेरे कपड़े का रंग देखकर,
मेरा मजहब बताओगे ।।
मै अपनी ही गली से गुजरूं,
तो भी तुम पराया कह कह कर चिल्लाओगे ।।
बहुत हो गया, आखरी मशवरा है,
मान जाओ...
नहीं तो ...."बहुत जल्द,
तुम भी खाक में मिला दिये जाओगे"।।