एक पिता का प्यार
एक पिता का प्यार
सब मां की ममता के बारे में कहते हैं,
पर एक पिता के प्रेम से सब अंजान है,
वो जाहिर नहीं करता है पर,
अपने बच्चो मे ही बसती उसकी जान है,
एक मां अपने बच्चे को 9 महीने पेट मे रखती है,
पर एक पिता सारी उमर उसे अपने दिल या दिमाग मे रखता है,
खुद अपनी जरूरतो को कम करके, अपनी औलाद की जरूरतो को पूरा करता है,
सारी उमर अपने बच्चों की पढाई, करियर, उसकी शादी की चिंता अपने दिमाग मे रखता है......
फिर भी ये दुनिया कहती है की एक बाप क्या करता है....
एक माँ फिर भी कर ले पर
एक बाप के लिए, बेटा-बेटी मे फ़र्क नहीं होता है,
उसके लिए तो उसकी बेटी भी, उस का राजा बेटा होता है,
अपनी औलाद की ख्वाइशो को पूरा करने में अपनी इच्छा को मारते देखा है,
फिर भी ये दुनिया कहती ह की एक बाप क्या करता है....
कोई बात हो तो माँ अपना दुख सबको कहकर बाटं लेती है,
पर एक बाप सारी चिंताओ मे भी चुप रहता है,
हज़ारो दुख होते हुए भी सीने मे,
खुद हमेश मुस्कुराता रहता है,
अपने परिवार को एक प्यार भरे डोरे मे बाधें रखना ही उसका धर्म होता है,
मैंने उसको सबके सामने हसंते
और अकेले मे रोते देखा है....
फिर भी ये दुनिया कहती ह की एक बाप क्या करता है...
और हां ये सुख भी हर किसी को नहीं होता है,
और बड़ा खुशनसीब है वो जिसके पास "बाप/पिता" होता है.....
तो यह एक तरह से अनुरोध है की "अपने पिता के लिए आभारी रहें कि उन्होंने आपको इस मुकाम तक लाने के लिए जो कुछ भी किया है .... इसके लिए आपको बस उसे "जादु की झप्पी" देना है... बस