STORYMIRROR

Amrita Singh

Abstract

3  

Amrita Singh

Abstract

एक एहसास !

एक एहसास !

1 min
252

एक अजीब सा एहसास होता है,

ना जाने क्या ख़ास होता है,

तुम्हारी एक झलक में !


एहसासों का एक सा सैलाब उमड़ाता है, 

जिंदगी के समंदर मे ! 

तुम्हारे गीतों मे जिंदगी बस्ती है मेरी, 

और तुम्हारे होठो कि मुस्कान से,

एक सुकून सा मिलता है मेरे दिल को !


तुम्हारे होने का 

एहसास भी अजीब सा है,

दूर हो तुम फिर भी पास लगते हो,

जाने क्यूँ कुछ ख़ास से लगते हो ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract