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Oleen Fernz

Inspirational

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Oleen Fernz

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एक अटूट बंधन

एक अटूट बंधन

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अंडा मिला एक मुझे ,भाई को मिले दो ,

चुप बोली माँ मुझे , ज़रुरत है उसको।


पढ़ने में थी मैं होशियार, प्रोत्साहन मिला उसको,

चुप बोले पापा मुझे, बड़ा अफसर बनना है मेरे बेटे को।


पढ़ाई ख़तम कर, काम पर चला गया दूर वह,

घर का हर काम सीखने, मजबूर किया माँ पापा ने मुझ को।


दसवी पूर्ण होते ही मेरी शादी की बात बढाई,

भाई के घर आते ही शुरू होने वाली थी तैयारी।


रक्षा बंधन का दिन था, राखी से सजी उसकी कलाई, 

शादी की बात सुना थो, चिल्ला उठा मेरा भाई।


देख बहना, बोला वह, देखी है मैंने दुनिया,

न करने दूँगा शादी मैं ,बिना एक मज़बूत बुनियाद। 


पढ़ाऊंगा में तुम्हें, कॉलेज जायेगी तू,

अपनी पैरों पे खड़ा हो के, इज़्ज़त पाएगी तू। 


दिन रात पढाई कर, अफसर हुई मैं भी,

अच्छे घर का लड़का देख के भाई ने की शादी मेरी। 


साल गुज़र गए हैं अब, बच्चे मेरे हैं बड़े हुए,

रोज़ दुआ देती हूँ मैं, भाई का नाम लेते हुए। 


माँगूँ मैं रबसे ,दे सबको, वह मेरे भाई जैसा कोई ,

ना दे पाए थो , दे उनको एक बहन, एक दोस्त या फिर कोई हमराही।


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