पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
पंछियों की चीं - चीं से, नयी सुबह जागी,
ख़ुशी से झूम उठने की मेरी चाह हुई।
दिन था आज ख़ास,
एक नयी कहानी शुरू होनी थी,
मेरे दिल, मेरी जान,
मेरे प्यार से आज मुलाकात होनी थी।
तस्वीर देख के, हुआ था मुझे उससे प्यार,
रूबरू उससे मिलने को मैं थी बेकरार।
बड़ी शिद्दतों के बाद, आज उसे घर लाना था,
मेरी सूनी बाहों में, अब उसे घर पाना था।
सज धज के फिर, हुई मैं तैयार ,
दिल में थी हिचकिचाहट,
थोड़ा डर और बहुत ज़्यादा प्यार।
समय से पहले ही जा पहुंचे हम,
मंज़िल की ओर, दौड़े चले हमारे कदम।
आया बाहर वो, मैडमजी के पीछे,
देखा उसने हमारी ओर, अँखियों को मींचे,
मेरी आँखें भर आयी, सच हुआ था मेरा सपना,
आज से इस लाडले को खेलना था मेरे अंगना ।
हाथों में डाले हाथ, निकल पड़े हम साथ में,
छोड़े हमने निशान, अनाथालय के रेत पे।
