Patel Kenil
Inspirational
मेरे ज़ख्म ही है जिसे मैं सबसे छुपा के रखता हूँ,
मेरी खुशी को तो मैं सबके साथ बाँटता रहता हूँ।
डायरी
दर्द और ख़ुशी
प्यार
प्रेम पियासी सीप में उज्जवल सी श्वेत सच्चा मोती बन जाए। प्रेम पियासी सीप में उज्जवल सी श्वेत सच्चा मोती बन जाए।
अपने आगमन पर अभिमान मत कर, हर शै वक्त का निवाला है। अपने आगमन पर अभिमान मत कर, हर शै वक्त का निवाला है।
जो आज तुम करते हो, कल फिर वही लौट कर आता है। जो आज तुम करते हो, कल फिर वही लौट कर आता है।
सृष्टि के प्रत्येक परमाणु पर उनकी दृष्टि है। सृष्टि के प्रत्येक परमाणु पर उनकी दृष्टि है।
दिल से जुड़े जो मन की वीणा के तार, छेड़ी ऐसी अद्भुत तान कि खुले मन के द्वार।, दिल से जुड़े जो मन की वीणा के तार, छेड़ी ऐसी अद्भुत तान कि खुले मन के द्वार।,
रंगे सियारों ने हथिया लिया है सिंहासन रंगे सियारों ने हथिया लिया है सिंहा...
छोड़ दीजिये आवारगी आवारगी में क्या रखा है। छोड़ दीजिये आवारगी आवारगी में क्या रखा है।
विष भरे अपमान दंश, छीन सकते जीवन कभी है? विष भरे अपमान दंश, छीन सकते जीवन कभी है?
आप कटु वचन बोलकर शत्रु न पैदा कीजिए। आप कटु वचन बोलकर शत्रु न पैदा कीजिए।
खाना माँ बनाती है, पिता की मेहनत होती है माँ के आगे छवि फिर उसकी क्यों गौण होती है खाना माँ बनाती है, पिता की मेहनत होती है माँ के आगे छवि फिर उसकी क्यों गौण ह...
उसी तरह सास के बिना ससुराल नहीं जांचता। उसी तरह सास के बिना ससुराल नहीं जांचता।
इन्सान का टुकड़ा हूँ मैं मुझको बसा इन्सान में ! इन्सान का टुकड़ा हूँ मैं मुझको बसा इन्सान में !
हॉड़- मांस का पुतला हूँ, न जाने कब रुखसत हो जाऊँ।। हॉड़- मांस का पुतला हूँ, न जाने कब रुखसत हो जाऊँ।।
पढ़ कर वेद पुराण कहाँ कौन सा ज्ञान पाएगा। पढ़ कर वेद पुराण कहाँ कौन सा ज्ञान पाएगा।
जब अंधकार छाने लगता है उम्मीद का दिया डगमगाने लगता है। जब अंधकार छाने लगता है उम्मीद का दिया डगमगाने लगता है।
हर्षिता लिखती है बेबाक सच हो होगा शर्मसार आज भी नही तो कब होगा। हर्षिता लिखती है बेबाक सच हो होगा शर्मसार आज भी नही तो कब होगा।
बहती है गंगा यहां खड़ा हिमालय महान है. बहती है गंगा यहां खड़ा हिमालय महान है.
लिखना भी नहीं आता है ,ना गीत कोई गढ़ पाता हूँ। लिखना भी नहीं आता है ,ना गीत कोई गढ़ पाता हूँ।
किस विपदा से कहाँ मिलोगे, भाग्य लिखेगा समर तुम्हारा… किस विपदा से कहाँ मिलोगे, भाग्य लिखेगा समर तुम्हारा…
कांटों के बीच रहकर भी चेहरे पे उसके रहती है सदा मुस्कान, कांटों के बीच रहकर भी चेहरे पे उसके रहती है सदा मुस्कान,