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Amal Samad

Abstract

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Amal Samad

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दिल है पवित्र

दिल है पवित्र

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तुम मेरा पवित्र 

दिल है पवित्र 

प्यार है पवित्र

पवित्र था प्रेम तेरा मेरा,

 ना कोई जगह छल की थी।


ना कोई पहल मिलन की थी। 

पवित्र था वो प्रेम मेरा,

जिसे जरुरत था अंतिम सांसें तक

निर्मल प्रेम था जो मेरी

तमन्ना उसे सदा दिल में रखने की थी।


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