"देशप्रेम"
"देशप्रेम"


भारत की माटी का मैं करूँ बखान,
गंगा जमुना सरस्वती नदियाँ महान।
इस माटी का तो वंदन है वंदन है
देश के प्रहरी देश के वीर जवान ।
देश के नौजवान देश की शान,
ये नौनिहाल हमारा अभिमान।
वतन के खातिर मर मिट जायेंगे ।
फौजियों का करे देश सम्मान।
वीर सैनिक की माँ को भी शत शत नमन,
जिगर के टुकड़े को देशप्रेम पर करें अर्पण।
"माटी का कर्ज" बड़े होकर निभाना है,
मेरे देश के नौनिहालों अपने को करो समर्पण
तुम ही हो देश के भावी रक्षक,
दुश्मनों को मार दो बनके भक्षक।
सबकी निगाहें तुम पर टिकी हुई हैं,
विरासत के वारिस तुम हो संरक्षक।
मेरे देश के सेना और सैनिकों को नमन
परिवार के तप त्याग,को अभिनंदन वंदन।
तुम पे देश को गर्व है औरअभिमान,
हमारे देश की मिट्टी की खुशबू जैसे चंदन।