'' देश - गीत ''
'' देश - गीत ''
ओ देश मेरे तेरी शान से,
बढ़कर कोई धन है क्या।।
कभी याद करे जो ज़माना,
तेरी माटी पर मर मिट जाना।।
तेरी हवा पर मर मिट जाना ,
ज़मी के लिए सरहद्द पार लड़ना।।
ओ देश मेरे तेरे से बढ़कर कोई शान है क्या।।
