बसंत
बसंत
मकर उत्तरायण का शौर्य सूर्य देता आभास
शरत ऋतु शैने शैने सुबह शाम की दस्तक,
जाते जाते रंग बसंती जीवंत जीवन का उत्साह।
शरत का सत्यार्थ वसंत का अभिनंदन,
खुशियों की खुसबू का आगमन आभास।
माँ वीणा वादिनी कि आराधना वंदन,
वसंत आगमन सत्कार
ब्रह्म मुहूर्त बेला में कोयल की कू कू प्रकृति
के स्वर संगीत का मधुर स्वर साज।
बासंती बयार बेहद यार, प्यार सा अंदाज़
दुनियां अपनी हस्ती मस्ती
खुशियों की दस्तक से खुशहाल
बासंती बयार पेड़ों की झूमती डालियों से गिरते पत्ते
युग में नव जीवन की ऊर्जा का संचार
तरुण, युवा बोध भाव बसंती बयारों में आम के
मंजरी खुसबू ख़ास बाग़ बगवां के बहारों का बाग़
खेतों में हरियाली खुशहाली की झूमती गेहूं की बाली
सरसों के पीले पीले फूल गांव किसान
के आशाओं की अवनि आकाश
सुबह सूरज की लाली ख़ास जीवन में
नव उल्लास का संचार
डाली डाली पे नव कोपल किसलय फूल हर कोपल
किसलय फूल पर मधुमख्खी ,भौरों की शान की बान
भौरों का रात की कली सुबह के
फूल के प्रतीक्षा की स्वीकारता
प्रेम, गान, शहद की मिठास की तलाश में
मधुमखी बेपरवाह पराग का प्रेम पास
धरा धन्य धान्य के विश्वाश का अभिमान
प्रकृति शिखरतम सत्यम सुंदरम का वरदान
पृथ्वी दुल्हन सी सजी सवरी स्वर्ग का शाश्वत मर्यादा मान
चलो आज आशाओं विश्वास का पल
उमंग चाह प्रसंग नए सुबह का अलख जगाएं
उत्साह, उमंग है ,रंग में वसंत है
ध्यान ज्ञान कर्म धर्म बैराग्य मूल्य मर्म मार्ग है
चलो आज आशाओं विश्वाश का पल
उमंग चाह प्रसंग नए सुबह का अलख जगाएं
उत्कर्ष, हर्ष, दुःख, दर्द के बीते पल
की यादों के संग कदम बढ़ाएं
घृणा ,द्वेष ,का त्याग अमन प्रेम की
निर्मल, निर्झर धरा का सन्देश बसन्त बनाये
साहस, शक्ति का युग युवा मानवता के
पग पग का पथ मधुमास बसंत का उत्साह बनाये
अभिनन्दन बसन्त का धर्म कर्म के जीवन मूल्यों के
संकल्प का युग में विश्वाश जगाएं
चलो आज नव वर्ष मनाये आशाओं विश्वास का पल
उमंग चाह प्रसंग नए सुबह का अलख जगाएं !