भारत के वीर
भारत के वीर
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धन्य हुई पाकर तुझे,
हे भारत माँ के वीर जवान।
मातृभूमि का कर्ज चुका कर,
दे रहे हो अपना बलिदान।।
माँ छोड़ी, बिलखती पत्नी छोड़ी,
और छोड़े खिलखिलाते बच्चे,
मातृ सेवा करते हुए ,
कभी किया न इनका ध्यान।।
धन्य हुई पाकर तुझे,
हे भारत माँ के वीर जवान।
ना जात ना पात देखी किसी की,
किया सब का सम्मान।
जख्मों से भर लिया सीने को मगर,
दुश्मन के लिए बन बैठा चट्टान।।
धन्य हुई पाकर तुझे,
हे भारत माँ के वीर जवान।
भारत में कई पवित्र तीर्थ है,
गंगा यमुना सरस्वती,
मातृभूमि की सेवा करके,
कर लिया सभी तीर्थों में स्नान।।
धन्य हुई पाकर तुझे,
हे भारत माँ के वीर जवान।
दुश्मन से लड़ता है अंतिम श्वास तक,
तू ही भारत माता की है आन,
लहरायेगा तिरंगा देश में,
बनकर हिन्दुस्तान की शान।।
धन्य हुई पाकर तुझे,
हे भारत माँ के वीर जवान।
अपने लहू से जिस जमीं को सींचा,
उन बहादुरों को सलाम,
माँ तुझे सलाम!
माँ तुझे सलाम!
धन्य हुई पाकर तुझे,
हे भारत माँ के वीर जवान।