Kshitiz Mathur

Inspirational

4.5  

Kshitiz Mathur

Inspirational

भारत के वीर

भारत के वीर

1 min
82


देश ना झुकने दिया मैंने

सीने पर खायी गोली थी,

खेली लहू की होली थी,

मरता रहा मारता रहा,


देश ना झुकने दिया मैंने

घर की चिन्ता सताती थी,

बेटी की याद भी आती थी,

भूल गया सब जंग के मैदान मेें,


देश ना झुकने दिया मैंने

गला देने वाली भयंकर ठंड हो,

या घने जंगलों की कठिन राह,

दुश्मनों का सर्वनाश किया मैंने,

देश ना झुकने दिया मैंने।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Kshitiz Mathur

Similar hindi poem from Inspirational