बेटियां
बेटियां
बेटियां होतीं
इंद्रधनुष के रंगों-सी
कल्पना की कलम-सी
पूजा अरदास भी
मंदिर की घंटियों सी
कोयल जैसी कूकती
दादी-नानी की कहानी में
किसी राक्षस के चंगुल में फँसी
जो उसे छुड़ाने के लिए किसी
राजकुमार की करती प्रतीक्षा
बेटियां होती..
स्वास्तिक, हल्दी-कुमकुम का
आलेपन
बेटियां होती हैं प्रकृति..
