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mahesh gelda

Others

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mahesh gelda

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प्यार

प्यार

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कभी सोचता हूँ 

प्यार इतना आसान तो नहीं होता 

जो पलक झपकते हो जाये 

फिर सोचता हूँ 

प्यार कोई सौदा नहीं 

जो सोच समझकर किया जाये !! 

 

क्या ज़रूरी नहीं कि 

इक नज़र वाले प्यार को 

थोड़ी मोहलत दी जाये !

कभी कमरे में बैठ कर किताबों 

कभी आसमान तले चाँद सितारों 

कभी ज़मीन की गोद में बैठ 

नदियों फूल तितली की गुफ्तगू की जाए , 

ज़िन्दगी के हर पहलू के ज़रिये 

एक दूसरे की शख्सियत को समझा जाये !! 

आकर्षण है या प्यार, क्या है ये एहसास ?

इसका जवाब ज़रा पुख्ता किया जाये !! 


इक नज़र वाले प्यार की मियाद क्या होगी 

कैसे ऐसे प्यार का भरोसा किया जाये 

पहली मुलाकात में फ़िदा हो जो किसी पे  

क्या पता कल किसी और पे मेहरबान हो जाये !! 


प्यार कोई खेल नहीं 

जो कभी भी कहीं भी कर लिया जाये 

दिल और रूह का मेल है 

क्यों न थोड़ा सब्र और इत्मीनान से किया जाये 

एहसास नज़र से जब रूह तक उतर जाये 

कम से कम इतना तो इंतज़ार किया जाये !! 


प्यार चंद लम्हों या दिनों का रिश्ता नहीं

जब भी हो आखिरी सांस तक निभाया जाये 

इतना आसान नहीं प्यार तभी तो लगता है 

ये वो दरिया है जो सिर्फ डूब कर ही पार हो पाए 

कर सकता है जब कोई ये सब 

शायद तभी प्यार का इज़हार किया जाये !!


वैसे ये महज़ मेरा नज़रिया है 

ज़रूरी नहीं इससे मुत्तफ़िक़ हुआ जाये !! 



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