STORYMIRROR

बेटियाँ

बेटियाँ

1 min
27.6K


बोये जाते हैं बेटे... पर उग जाती हैं बेटियाँ,

खाद पानी बेटों को... पर लहराती हैं बेटियाँ,

स्कूल जाते हैं बेटे... पर पढ़ जाती हैं बेटियाँ,

मेहनत करते हैं बेटे... पर अव्वल आती हैं बेटियाँ,

रुलाते हैं जब खूब बेटे... तब हंसाती हैं बेटियाँ,

नाम करें न करें बेटे... पर नाम कमाती हैं बेटियाँ,

जब दर्द देते बेटे... तब मरहम लगाती बेटियाँ,

छोड़ जाते हैं जब बेटे... तो काम आती हैं बेटियाँ,

आशा रहती है बेटों से... पर पुर्ण करती हैं बेटियाँ,

हज़ारों फरमाइश से भरे हैं बेटे... पर समय की नज़ाकत को समझती बेटियाँ,

बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर-घूर कर देखे…

किंतु, बेटी को सूरज जैसा बनाओ ताकि घूरने से पहले सब की नज़र झुक जाये.


Rate this content
Log in

More hindi poem from Mysterious Girl

Similar hindi poem from Comedy