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Julie Goudad

Abstract

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Julie Goudad

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"बचाओ जहां को"

"बचाओ जहां को"

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आशायें अब धुंधली धुंधली

लग रही है इस जीवन में सारी,

कोरोना की जंग है भारी

साथ चाहिये तुम्हारी।


हिस्सा लो तुम भी इस बारी

लढेंगे ये जंग हमारी,

हेल्थ वर्करस भी पडेंगे कम इस बारी

तुम भी लो डॉक्टर जैसी जिम्मेदारी।


खुद को बचाओ,बचाओ जहां को

घर ना छोड़ो आयसोलेशन ही

है दवाई हमारी,

जरा जागो अब तक कोरोना पे

दवाई भी ना आयी।


खुद का भगवान खुद ही बनो

पेहचानो वक्त है काला,

कोरोना ने मचाया है देश देश में बवाला

हमको लगाना है उसपे ताला।


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