अहेसास सुहाना
अहेसास सुहाना
किसी को जानना होता हे
किसी को मानना होता है
किसी किसी को तो पाया भी जाता है
पर बड़े कम हसीन होते है जिसे जिया जाता है
किसी की चाह होती है
किसी की राह होती है
किसी के लिए जुनून होता है पाने का
पर वो तो वो है जिसका हमें सुकुन है
लब्ज बया करते हे किसी पे
तो किसी के लिए अल्फ़ाज़ भी है
नज्म और मुशायरे भी फिदा होते है कई पे
पर वो खास जिससे खामोशियां बात करती है
यादों में उसके लम्हे होते है
होते है किसी के साथ किस्से पुराने
किसी की याद रह जाते हैं आगाज़ सराने
पर तेरी तो हर याद ही अहसास हे सुहाना।