Geeta Sharma
Abstract
कोरोना तूने
परिवारों को मिलाया
अच्छा है तू
परंतु नहीं।
यह नजारा
तेरी याद आई
मौर्या जी क ताज गइल बाबा के हो गइल आज। जोगीरा सा रा रा रा रा।। मौर्या जी क ताज गइल बाबा के हो गइल आज। जोगीरा सा रा रा रा रा।।
छोड़ती रही निशान अपने रेवा गुजरते हुए। छोड़ती रही निशान अपने रेवा गुजरते हुए।
जीवन के दो हाशिए पर खड़े हुए हम, ये कठिन जुगलबंदी ही,एक आस थी l जीवन के दो हाशिए पर खड़े हुए हम, ये कठिन जुगलबंदी ही,एक आस थी l
जीवन में उल्लास रहे, मन में ईश्वर का ध्यान रहे। जीवन में उल्लास रहे, मन में ईश्वर का ध्यान रहे।
याद आ रही है उन गलियों की जहां खेल कर मैं बड़ा हुआ। याद आ रही है उन गलियों की जहां खेल कर मैं बड़ा हुआ।
चेहरा अजनबी लेकिन आँसू अपना लगा उसमें भीगा दर्द अपना लगा चेहरा अजनबी लेकिन आँसू अपना लगा उसमें भीगा दर्द अपना लगा
ताज़गी और सुकून का एहसास, ये रंगो से होता है ख़ास ताज़गी और सुकून का एहसास, ये रंगो से होता है ख़ास
स्वाभाविक रूप से लें उसकी सहायता करें आपसी बंधनों को मजबूत करें उन्हें काटे नहीं। स्वाभाविक रूप से लें उसकी सहायता करें आपसी बंधनों को मजबूत करें उन्हे...
खाली सी जिंदगी की भी अपनी एक किताब सी है। खाली सी जिंदगी की भी अपनी एक किताब सी है।
न हो महल की जरूरत कोई भी हमको, तेरे संग प्यार से हम झोंपड़ी में हम बिताएं। न हो महल की जरूरत कोई भी हमको, तेरे संग प्यार से हम झोंपड़ी में हम बिताएं।
आजकल के रिश्तो के भी क्या कहने, पल में बिखरते जैसे अखबार के पन्ने। आजकल के रिश्तो के भी क्या कहने, पल में बिखरते जैसे अखबार के पन्ने।
काश! उम्मीद की दीर्घा मिट जाती तो गन्तव्य पा लेती काश! उम्मीद की दीर्घा मिट जाती तो गन्तव्य पा लेती
भय एवं धैर्य जागते हैं स्थितियों में जो हैं समान, भय एवं धैर्य जागते हैं स्थितियों में जो हैं समान,
जीवन मिला खुदा की नेमत है कुदरत ने बिखेरे उस पर से सुंदर रंग हैं। जीवन मिला खुदा की नेमत है कुदरत ने बिखेरे उस पर से सुंदर रंग हैं।
संध्या में खेले हम अबीरो से होली ठंडी गमन की निशानी। संध्या में खेले हम अबीरो से होली ठंडी गमन की निशानी।
जब रंग बरसते फागुन में। मन वृंदावन हो जाता है। जब रंग बरसते फागुन में। मन वृंदावन हो जाता है।
संचय की प्रवृत्ति के साथ, मैं प्रचुर कैसे हूँ, विचार निःशब्द हैं। संचय की प्रवृत्ति के साथ, मैं प्रचुर कैसे हूँ, विचार निःशब्द हैं।
आज़ मस्ती हैं हमजोली चलो खेले हम होली। आज़ मस्ती हैं हमजोली चलो खेले हम होली।
गयी जीत छोटी सी जिद्द चित भी मेरी पट भी मेरी। गयी जीत छोटी सी जिद्द चित भी मेरी पट भी मेरी।
फैल जाओ चेहरे की मुस्कान बन कर, रंग की खुशी। फैल जाओ चेहरे की मुस्कान बन कर, रंग की खुशी।