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Ajay kumar mahawar

Abstract

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Ajay kumar mahawar

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अभी तनहा नही हूं मैं

अभी तनहा नही हूं मैं

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मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूं मैं

मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं


कदमों को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,

रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं


सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,

दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं


दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,

मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं


साथ चलता है, दुआओं का काफिला

किस्मत से जरा कह दो, अभी तन्हा नहीं हूं मैं।


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