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Shashi Joshi

Inspirational

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Shashi Joshi

Inspirational

अभी बहुत कुछ शेष बचा है..

अभी बहुत कुछ शेष बचा है..

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अभी कहां सब खत्म हुआ है??


अभी सृजन के गीत बचे हैं!

अभी मधुर संगीत बचे हैं!

छल - प्रपंच वाले इस जग में,

अभी भी सच्चे मीत बचे हैं।


अभी कहां सब खत्म हुआ है??


सरल हृदय निष्पाप शेष हैं!

किरण - किरण में ताप शेष हैं!

अभी पंछियों के कंठों में,

मधुर - मधुर आलाप शेष हैं।


अभी कहां सब खत्म हुआ है,??


तपती ,चुभती धूप के नीचे,

अभी भी छाया मुस्काती है!

अभी भी भीषण कंटक वन से,

फूलों की खुशबू आती है!


अभी कहां सब खत्म हुआ है?


अभी श्रेष्ठ पुरुषार्थ बचे हैं!

अभी कृष्ण व पार्थ बचे हैं!

सजल,सरल,निश्छल लोगों के,

अभी कई परमार्थ बचे हैं।


अभी कहां सब खत्म हुआ है??


अभी दीप से दीप जलेंगे!

अभी कई अंधियार मिटेंगे!

अभी निराशा चीर चीर कर,

आशा के नव फूल खिलेंगे!


अभी कहां सब खत्म हुआ है?


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