अब ना गुजरुगा तेरी गली से
अब ना गुजरुगा तेरी गली से


अब ना गुजरूंगा तेरी गली से याद तेरी आ जाती है
दिल भी तड़प उठता है आँख नम हो जाती है
देखकर तुझे एक बार मे उन दिनों में खोजता था
तुझे देखने के बहाने से यारो से मिलने जाता था
एक बार नज़र तेरी पड़े मुझपर मे ये मन ही मन चाहता था
दिल का इज़हार करने में में जाने क्यों शरमाता था
अब ना गुजरूंगा तेरी गली से