anuradha nazeer
Abstract
कितने हाथ ?
भले ही इसने
मुझे धक्का दिया
मेरी आशा है
मुझे मत छोड़ो।
कोई
इन चीजों को र...
ज़िन्दगी का क...
प्यार दो
मूल्यवान
जीत
अपने काम से प...
सफलता
प्यार प्यार प...
प्यार की प्या...
कहीं किसी ने पढ़ लिया तो रुसवा ना हो जाये जिंदगी कहीं किसी ने पढ़ लिया तो रुसवा ना हो जाये जिंदगी
ऐसी प्यारी गंगा नदी का चित्र सबके मन भाता है, सपनों में ही इस यात्रा से दिल प्रसन्न हो जाता है || ऐसी प्यारी गंगा नदी का चित्र सबके मन भाता है, सपनों में ही इस यात्रा से दिल प्र...
बह निकली आँखों से आज नीर की झड़ी मुझे विदा करने साजन की नाव है खड़ी। बह निकली आँखों से आज नीर की झड़ी मुझे विदा करने साजन की नाव है खड़ी।
जैसे एक बच्चा मिलता है मां से जन्म लेने के बाद हम भी देख पाएंगे अपने भगवान को जीवन उपर जैसे एक बच्चा मिलता है मां से जन्म लेने के बाद हम भी देख पाएंगे अपने भगवान को...
फिर भी न माने मुझे छेड़ने से तुम, अंतिम तूफान फिर मेरा ही होगा। फिर भी न माने मुझे छेड़ने से तुम, अंतिम तूफान फिर मेरा ही होगा।
ईश्वर से बड़ा ना कोई दाता, वह रखता है सबका खाता। ईश्वर से बड़ा ना कोई दाता, वह रखता है सबका खाता।
तुझे दूर से ही माता का सम्मान देकर हम खुश हो रहे हैं। तुझे दूर से ही माता का सम्मान देकर हम खुश हो रहे हैं।
मंजिलें मिलती है उनको जिनको होता है अपने कर्मों पर विश्वास अटल। मंजिलें मिलती है उनको जिनको होता है अपने कर्मों पर विश्वास अटल।
जीवन बन जाए खूबसूरत गज़ल। मन का रेडियो बजता जब जब... जीवन बन जाए खूबसूरत गज़ल। मन का रेडियो बजता जब जब...
नहीं जताती अहसान और पानी भी शांत चित्त से देता है नाव का साथ बेशर्त हर एक सफ़र में. नहीं जताती अहसान और पानी भी शांत चित्त से देता है नाव का साथ बेशर्त हर ...
रहती है दिनभर सांझा करती हैं अपनी भीड़ के अनकहे किस्से ......... रहती है दिनभर सांझा करती हैं अपनी भीड़ के अनकहे किस्से .........
परेशानियों के कई छोर भी हैं। हताशा लिए वो कई और भी है। परेशानियों के कई छोर भी हैं। हताशा लिए वो कई और भी है।
हाँ, थोड़ा पति से दूर रहने की कसक मन में जरूर उठती, पर फिर सोचती रोज तो यहीं रहना कभी क हाँ, थोड़ा पति से दूर रहने की कसक मन में जरूर उठती, पर फिर सोचती रोज तो यहीं र...
मैं तुम्हारे गुज़रे कल का टुकड़ा हूँ.. मुझे हाल में रखोगे क्या ? मैं तुम्हारे गुज़रे कल का टुकड़ा हूँ.. मुझे हाल में रखोगे क्या ?
आज तक वीर सपूतों का त्याग और महानता का प्रतीक जो आज जी रहे हम ये आज़ादी.......! आज तक वीर सपूतों का त्याग और महानता का प्रतीक जो आज जी रहे हम ये आज़...
पाओगे मंदिर की दीवारों पर आज भी उत्कीर्ण मेरे अवशेष॥ पाओगे मंदिर की दीवारों पर आज भी उत्कीर्ण मेरे अवशेष॥
संबंधों की हत्या क्यों कर दी मेरे यार। संबंधों की हत्या क्यों कर दी मेरे यार।
यही है किरण रोशनी की। मुकम्मल कहां होती है जिंदगी..... यही है किरण रोशनी की। मुकम्मल कहां होती है जिंदगी.....
रिश्ते की दरार में आसानी से तीसरे ने जगह बनाई रिश्ते की दरार में आसानी से तीसरे ने जगह बनाई
पीढ़ियों की ये सीढ़ी है परदादा बाबा ने जोड़ी है। पीढ़ियों की ये सीढ़ी है परदादा बाबा ने जोड़ी है।