आओ हम सब खुशियाँ बाँटे
आओ हम सब खुशियाँ बाँटे

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दूर हटा के पथ के काँटे
आओ हम सब कलियॉं बांटें
मात पिता के आशीष को पाके
आओ हम सब खुशियाँ बाँटे
वाणी में गुड़ शहद मिला के
किसी को कम कभी न ऑंके
दिल से दिल की राह मिला के
आओ हम सब खुशियां बाँटे
हिंदी भाषा को सम्मान दिलाके
अपनी संस्कृति का मान बढ़ा के
आत्मनिर्भरता की राह अपना के
आओ हम सब खुशियां बाँटे
ज़रूरतमंदों की ज़रूरतें समझ के
वक़्त पर उनकी मदद को करके
वसुधैव कुटुम्बकम की राह अपनाके
आओ हम सब खुशियां बाँटे
डूबते को मज़बूत कंधा दें
अकेले का सच्चा दोस्त बने
अधूरे रास्तों को मंज़िल दिलाके
आओ हम सब खुशियाँ बाटें
मैं और तू का भेद भुलाए
अहम के पास कभी ना जाएं
सब का हम साज सजा के
आओ हम सब खुशियाँ बाँटे।