आलोचक नामवर सिंह
आलोचक नामवर सिंह
भाषा की परिभाषा प्रकाश,सत्य,
सारथि भाव भंगिमा कि वैचारिक क्रांति,
विवेचना, आलोचना, समालोचना
साहित्य की गहराई पहचान,
व्यवहारिकता, समता, सरल समझ के
समरस समदर्शी हिंदी हिंदुस्तान कि शान!!
विधा :विविध के शिल्पी समघ्रता का सत्कार,
तर्क, तार्किक, तथ्य, प्रकरण, प्रमाण,
प्रमाणिक विषय वस्तु के यथार्थ,
गरिमा, गौरव हिंदी साहित्य के धन्य,
ध्यान, ज्ञान ,धरोहर अवनि आकाश !
!
महाप्रयाण नाम विधा का खालीपन
सूनापन का भरना नहीं आसान,
विरले इस दुनिया में ज्ञान कर्म संघर्षों के
मिसाल मशाल नामवर सिंह एक चिराग
मशाल मिसाल,
नमन, प्रणाम, जीवन के यथार्थ की यात्रा को
श्रद्धा की अंजलि भावों की गहराई से
हर भारतवासी के ह्रदय से हिंदी हिंदुस्तान के
स्वाभिमान नामवर जी के नाम !!