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Vishal P. S. Palve

Abstract

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Vishal P. S. Palve

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आजकल वो मेरे सपनो में हमेशा आती है

आजकल वो मेरे सपनो में हमेशा आती है

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आजकल ये हवा मुझे छूँ कर जाती है।

पता नहीं क्यों ? पर आजकल

वो मेरे सपनो में हमेशा आती है।

खो जाता हूं मै उसकी _बातों में।


क्यूंकि सपनों के बाद,

दूसरे दिन वहीं तो रह जाते है, मेरी यादों में।

मन करता है, देखता रहूं मै उसका वो मासूम चेहरा

जिसने मेरी सोच को किया है इतना घेहरा।


बस ख़तम होने तो इस कोरोना को, 

उसके बाद मिलेंगे हम दोबारा।

मैं हमेशा इंतजार करता रहूंगा उस पल का।


जब सितारों की दुनिया में,

भाग दौड़ से दूर कहीं,

अपनों को साथ में लेकर

बनाएंगे हम एक सुन्दर सा बसेरा !


तू देखना,  अपनी प्रेम

कहानी ऎसी लिखी जाएगी।

स्वर्ग की अप्सराये भी रोते हुए मुस्कुराएगी।

तुम मुझे मिलो या ना मिलो 

में तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा।


क्यूंकि बाद में, 

में उसी यादों मै तो डूबा रहूंगा।

मै तेरी हर याद को ऎसे ही लिखूंगा, 

देखना एक दिन में “अपनी”

प्रेम कहानी की किताब तुम्हारे हात में थमाउंगा !


और तुम्हें हर वक़्त मुस्कुराने का एक नया बहाना दूंगा !

और तुम्हें हर वक़्त मुस्कुराने का एक नया बहाना दूंगा !


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