आज
आज
आज ऐसा सच
मिला नहीं अब तक
आज में रहना,
जीना
सिखा नहीं अब तक
अतीत में गुजरे
मेरे सारे पल।
भविष्य की चाह ने
छिना आज का पल-पल
अतीत की यादों को सहेजना
इस आदत में खोया,
आज का सुन्दर लम्हा
पल छीन पल
अतीत ही में
गुजरे मेरे सारे पल।
अतीत की राख और
भविष्य की आस
दोनों बेमतलब से है
अतीत है की गुजरता नहीं।
भविष्य है की आता नहीं
फिर जो समय बचा है केवल
आज का सुन्दर पल
जी ले इसे
अतीत में ही न
गुजर जाए सारे पल।