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Vinay Bindal

Classics

3  

Vinay Bindal

Classics

आज तक अपने लिए ही जिए है

आज तक अपने लिए ही जिए है

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आज हम है ज़मीन पर लेकिन 

एक दिन कुछ बनके दिखाना है 

गरीब का बच्चा गरीब रहेगा 

ये अंध विश्वास मिटाना है। 


अब तो ये ज़िद है हमारी खुद से 

औरों से ज्यादा पैसा कमाना है 

कल कुछ बनने के लिए इस जहां में 

आज अपना सुख चैन गंवाना है। 


आज तक अपने लिए ही जिए है 

अब कुछ दूसरों के लिए

करके दिखाना है 


हम कर भी क्या सकते हैं 

ये पर्दा लोगो की आँखों से गिराना है 

"हमारे पास वक़्त नहीं है"

ये कहने वाले लोगों को 

दूसरों के लिए वक़्त निकालना सीखाना है। 


गरीबों की परेशानिओं को बाजार में 

खुलेआम हमें बिकवाना है 

रिश्ता ये एहसास का 

अब हमे सबके साथ निभाना है। 


आज तक अपने लिए ही जिए है 

अब कुछ दूसरों के लिए

करके दिखाना है।


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