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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Drama Inspirational

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Drama Inspirational

आज की द्रोपदी

आज की द्रोपदी

2 mins
330


सदन की आंखें उस वक्त "नम" हो गई 

जब एक और सुन्दरी सदन से कम हो गई 

वह खुद को आधुनिक द्रोपदी कहती आई है 

चिल्ला चिल्ला कर अपनी बात रखती आई है 


सुनते हैं कि एक शादी तो उसने पहले ही तोड़ दी है

अब "लिव इन" की हांडी भी चौराहे पर फोड़ दी है 

फिर भी अभी तो "तीन" का स्कोप बचा हुआ है 

बहुत सारे आशिकों में कोहराम मचा हुआ है 


लोग तो उसे "सूपर्णखां" का अवतार भी कह रहे हैं 

कुछ के आंसू तो सावन की झड़ी की तरह बह रहे हैं 

लिबरल्स की प्यारी है, मीडिया की दुलारी है वो 

"हरामी" जैसे शब्द कहने वाली बड़ी "संस्कारी" है वो 


नियम तोड़कर लॉगिन पासवर्ड अन्य को दे दिया था 

पैसे और ब्रांडेड गिफ्ट लेकर संसद में सवाल किया था 

आधुनिका है , शराब सिगरेट पीना तो बनता है ना ! 

"दोस्तों" के संग मौज मस्ती का रंग तो जमता है ना 


खुद के आगे किसी को कुछ समझती ही नहीं है 

टेलीविजन स्क्रीन से उसकी तस्वीर उतरती ही नहीं है 

पकड़े जाने पर अब "विक्टिम" कार्ड खेल रही है 

अपने कारनामों से संसद से निष्कासन झेल रही है 


शायद सी बी आई उसे कुछ दिनों में अपने यहां बुला ले 

क्या पता वह नया साल जेल के अंदर ही न मना ले ? 

बेचारे सांसद बहुत दुखी हैं, सुदर्शन चेहरा दिखाई नहीं देगा 

उसकी "चिल्लाहट" वाला सुरीला संगीत सुनाई नहीं देगा 


अब गालियों की बौछार नहीं होगी निचले सदन में 

लाखों रुपये वाले स्कॉर्फ, सैंडल नहीं दिखेंगे अब सदन में 

सुना है कि ये द्रोपदी अब खुद हथियार उठायेगी 

"अडाणी अस्त्र" से अब ये खुद "गोविन्द" को निपटायेगी 


"खानदानी" लोगों ने इसे आगे हुंकार भर दिया है 

पूरे "ईको सिस्टम" ने इसमें और भी जोश भर दिया है 

"खैराती" कह रहे हैं कि अब "गोविन्द" की खैर नहीं है 

"द्रोपदी" को "दुर्योधन, दुशासन" से अब कोई बैर नहीं है।


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