आज का रावण
आज का रावण
सुनो भाई साधो !
सुनो भाई संता !
बीच राह में खड़ी बावली पूछे यह सवाल?
जग में बहुत से रावण, जलाना है तो उन्हें जलाओ।
गया सतयुग का काल,
रावण ने सीता को हाथ न लगाया जाने सारा जमाना।
सुनो भाई साधो!
सुनो भाई संता!
अब पग- पग पर हैं लुटी छोरियां, कैसा कलयुग आया ?
बीच मैदान में सुलगा रावण उठाए यह सवाल ?
सुनो भाई साधो!
सुनो भाई संता!
अपनी करनी का फल मैंने पाया, जलाना है तो इन्हें जलाओ,
आपस में फैले नफरत , भ्रष्टाचार , बेईमानों के आतंकवाद को।
सुनो भाई साधो!
सुनो भाई संता!
अपनी धर्म अपनी नीति, मैं भूला था तुम ना भुलाना।
अपने अहम् में मैं डूबा था, तुम अपना अहम् जलाओ।
