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Uma Pathak

Abstract

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Uma Pathak

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आज बीता हुआ पल

आज बीता हुआ पल

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आज बीता हुआ पल

कभी वापस नहीं आता

हर बीते पल के साथ

समय यूं ही गुजर जाता

हर बीते पल में यादें होती है बेशुमार


बीते पल बचपन के हो जवानी के या बुढ़ापे के

हर पल में एक अनोखी दास्तां होती है

जो समय गुजर गया वह लौटकर नहीं आता

वह समय लौट कर आए ऐसा हो नहीं सकता


हर एक पल कीमती होता है

इसकी कीमत को पहचानो

हर एक समय को पहचाना

यूं ही ना इसको व्यर्थ करो


हर काम करो जो तुम्हारी सामर्थ्य हो

बीता हुआ कल ऐसा यादगार बनाओ

जब कोई तुम्हारी जिंदगी से जाए

तो तुमको नहीं उसको तुम्हारी कमी सताए


जिंदगी बीती जाएगी वक्त बिता जाएगा

यादों का सिलसिला यूं ही रहेगा।


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