90 का सिनेमा
90 का सिनेमा
"अरे रे अरे ये क्या हुआ.. कोई ना पहचाना
अरे अरे बन जाए ना कही कोई अफसाना..."
उफ्फ वो शाहरुख के साथ स्क्रीन रोमांस
वो काजोल की नटखट सादगी
वो माधुरी की दिलकश अदाएं
वो आमिर के इंटेंस लुक्स...
वो 90 का हिंदी सिनेमा...
वो हमारे मस्ती भरे दिन.. ,
वो महारानी कॉलेज की सड़क
वो झटपट लूना की सवारी
आंखो के सामने है वो पल छिन
वो डिजिटल रिवोल्यूशन के पहले का दशक
वो कुछ सीधा सादा, कुछ शरारती सा दशक
यूं कहें कि " हमारा दशक" ..
पढ़ाई के साथ साथ भरपूर मस्ती भी
मम्मी के हाथ का लज़ीज़ खाना,
पापा के ऑफिस से आने से पहले घर आना
फ़िर उनसे फ़िल्म देखने कि परमिशन लेना,
मिल जाए तो... भरपूर खुशी ...
आज के बच्चों को इन सब की कोई जरूरत नहीं
सब कुछ बस एक "" क्लिक "" से...
लेकिन उन्हें क्या पता कि उन्होंने क्या दौर नही देखा
क्या कहूं कि .. हम किस तरह के फैन रहे हैं
इज़हार के अलावा हमने , बाकी सब कुछ सीखा ।