आदिवासी समुदाय- जन्वी की कहानी
आदिवासी समुदाय- जन्वी की कहानी
अपनी सस्कृति से प्रेम करना और उसे हमेशा जीवित रखना ये हमारा कर्तव्य है। ऐसी ही एक कहानी हैं बस्तर की एक आदिवासी समुदाय की लड़की जिसका नाम हैं जान्वी हैं जो अपने समुदाय से बहुत प्रेम करती एवम उसे हमेशा जीवित रखना चाहती हैंजान्वी कम उम्र की एक छोटी सी लड़की हैं जो आदिवासी समुदाय की हैं उसे न पढ़ने का ज्ञान था और न उसे बुक कॉपी क्या होता हैं ये भी पता नहीं था पर पुलिस लोगो को देखकर वह बहुत खुश हो जाती और उसी की तरह वह बनना चाहती अर्थात आई ए एस
बनना उसका सपना बन गया।
आदिवासी होने के कारण उसे पढाई लिखाई करने से माना कर रहे थे क्योकि वो लोग चाहते थे की हमारी बेटी अपनी समुदाय की संस्कृति को जीवित रखे अर्थात ये कभी खत्म न होकुछ समय के लिए वह अपने माता पिता की बात को मान गई और अपना ध्यान जंगलो पर दे रही थी कुछ समय तक ऐसे ही चला।
कुछ समय की बात हैं - रात के समय सब सो रहे रहे तब अचानक जन्वी के घर एक चोर आया और घर मे रखे कुछ पैसे , गहने एवम कुछ समानो को घर से ले गया घर की सब वस्तु तहस - नहस हो गई सभी वस्तु अपनी जगह से हट चुके थे
वस्तु के बजने से जन्वी के पिता की नींद अचानक खुल गई तो उसने देखा की एक चोर उसके घर के पैसे , गहनों और अन्य वस्तु को ले जा रहा यह देखकर उसने घर के लोगो को आवाज लगाई चोर - चोर जिससे घर मे उपस्थित सभी लोग जग गयेवो चोर बहुत दूर चला गया अर्थात उसे पकड़ नहीं पाये। जन्वी के पिता के पास अब कुछ नहीं था जिसे घर को चला सके , सबका पालन पोषण कर सके जन्वी के पिता ने पुलिस को भी बताया पर उस पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जन्वी के पिता को पैसे की कमी महसूस होने लगी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू परिवार को कैसे चलाउ उसके दिमागी हालत बिगड़ने लगी। जिसे उसने आत्महत्या कर लिए।
जन्वी के पिता के चले जाने के बाद जन्वी अपने आप को अकेला महसूस करने लगीउसके पिता चाहते थे की मेरी बेटी अपनी संस्कृति का ख्याल रखे एक पुलिस के न आने एवम हमारी मदद न करने से मेरे पिता की मौत हुई ऐसा जन्वी को लगने लगातभी जन्वी ने ठान लिया की मैं आई ए एस आफिसर बनूगी।जन्वी आई ए एस की तैयारी मे लग गई उसने आई ए एस
की तैयारी के साथ घर व अपनी संस्कृति का भी ख्याल रखती।जन्वी के खूब पढाई की खूब मेहनत की कुछ सालों बाद आई ए एस के पेपर एवम इंटरव्यू मे उत्तीर्ण हुई और उसे आई ए एस
आफिसर का पद प्राप्त हुआ।
