खुद पर भरोसा
खुद पर भरोसा
एक गाव में एक लड़का रहता था l जिसका नाम शिवा था l वह एक गरीब परिवार का लड़का था l वह पढ़ाई लिखाई में बहुत ध्यान देता था l उसे पड़ने लिखने की बहुत इच्छा थी पर उसके पिता उसे पढ़ाई करने नहीं दे रहे थे ना ही कॉपी बुक खरीदने के लिए पैसे दे रहे थे l जैसे तैसे करके उसने पाँचवीं
कक्षा पास कर लिया आगे की पढ़ाई करने के लिए न पैसे थे ना ही बुक कॉपी थी अच्छे स्वभाव होने के साथ वह आदर्श चरित्र के धनी भी थे l उसका विचार बहुत अच्छा और ऊंचा था l वो लोगों की मदद भी किया करते थे जिससे लोग खुश होकर उसे कुछ पैसे दे दिया करते थे l उसका एक बड़ा भाई भी था जो उसे कुछ पैसे दे दिया करता था उस मिले हुए पैसे से बुक कॉपी खरीदता था और बहुत मेहनत ,ईमानदारी और लगन से पड़ता था l इसी तरह उसने दसवीं पास कर लिया और वह अपने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया उसे स्कूल की ओर से पुरस्कार प्रदान भी किया गया और कुछ पैसे भी दिये फिर आगे की पढ़ाई करने के लिए और बुक खरीदने के लिए उसे पैसे मिल गये कक्षा 11वी और 12वी की पढ़ाई उसने सरकारी स्कूल में की और वह कक्षा 12वी में पूरे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया उसे स्कूल और जिले की तरफ से अवार्ड और पैसे दिये गये स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद उसने कॉलेज में तीन साल संस्कृत विषय में पढ़ाई की वह अपने कॉलेज में संस्कृति का टॉपर बन गया और उसे कॉलेज की ओर से पुरस्कार प्रदान किया गया कुछ समय बाद वह प्राइवेट स्कूल में संस्कृत विषय का टीचर बन गया वह बच्चों को पढ़ाने के साथ कहानी , कविता भी बताया करते थे स्कूल से आने के बाद आगे की पढ़ाई भी करता था कुछ समय बाद उसने सरकारी स्कूल में शिक्षक का स्थान प्राप्त किया और अब वह संस्कृत का शिक्षक बन गया और अब उसे संस्कृत के शिक्षक के रूप में जाना जाता हैं l
