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Utkarsh Bhaskar

Abstract

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Utkarsh Bhaskar

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'रामराज्य का इंतज़ार'

'रामराज्य का इंतज़ार'

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कर रहा सारा भारतवर्ष ये पुकार,

आ भी जाओ श्री राम हे तारणहार,

अधर्मियों का पाप कर चूका सीमा पार, 

हम कलयुगी कर रहे रामराज्य का इंतज़ारl


सुनी है महिमा बड़ी तेरे सरकार की, 

थी आनंदित प्रजा बहुत अयोध्या राज्य की,

बह रही थी धारा शांति, प्रगति और सम्पन्नता की,

समस्त भारतवर्ष करता उद्घोष जय सियावर राम कीl


हे राम! तू नज़र आज के मनुज पर डाल,

छल, कपट और भ्रष्टाचार से है सब ही बेहाल,

आतंक और उन्माद से सम्पूर्ण संसार है बदहाल,

ना घर ना सड़क पर नारी है सुरक्षित और खुशहालl


तुम्हारी हीं राह तक रहे हम दिन रात,

इन पापियों से मुक्ति दे दो हे चक्रवर्ती सम्राट,

इस युग में भी दबे-कुचलो का कर दो बेड़ा पार,

हम कलयुगी कर रहे रामराज्य का इंतज़ारll


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