STORYMIRROR

Charmi Vora

Inspirational

4  

Charmi Vora

Inspirational

ज़िंदा हो तुम, हँसते चलो

ज़िंदा हो तुम, हँसते चलो

1 min
637

ज़िन्दगी हर दिन नयी है

हर पल ना सोचते चलो..! 

यादे रुलायेगी मरके भी, 

फ़िल्हाल, ज़िंदा हो तुम

हँसते चलो ! 


मत नापो अनदेखी

गहराइयों को, 

कर लो बंद आँखें,

उस असीम सफ़र

में बहते चलो..!


खोज कर थक जाओगे

वक्त उन अपनों का, 

मिले सुकून शब्दों को

जिस शक्स की ओर ,

उस अजनबी से ही

हर कहानी कहते चलो..!


खो जाती है वफ़ा भी

हर उन चेहरे की तरह, 

मिले मौका जो फिर

एक मुलाकात का, 

पल भर मैं ही

सदिया बुनते चलो..! 


बदलेगा ये जमाना,

लेगा वो बदला भी..!

बदलना ना है तुझे बस 

हर दफ़ा कुछ नया बनते चलो..!


कुछ पाना है, कुछ खोना भी..!

लुटी जो लेहेरे, रुठा किनारा भी..!

गम की कश्ती ना सवार करो,

हँसी का हलेसा घुमाके,

मुस्कुराके लौटते चलो..!


फ़िल्हाल ज़िन्दा हो तुम,

हँसते चलो..!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational