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Drashti Bhanushali

Abstract

4.9  

Drashti Bhanushali

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मुझे तुमसे प्यार है...

मुझे तुमसे प्यार है...

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आज का हर एक पल हर लम्हा खास है,

कुछ कहना है उनसे जिनसे जीने की आस है,

इस वैलेंटाइन डे को मैं उल्फ़त से भर दूं,

उन अहम हिस्सों से जाकर प्यार का इज़हार कर दूँ !


जन्म-मरण दोनों ही तेरे हाथों में है,

अगर बंदगी हो सच्ची, हर प्रार्थना तुझे इक़रार है,

किसी ने कहा हो या नहीं,कोई कहे या ना कहे,

मैं कहती हूं, ऐ ईश्वर... मुझे तुमसे प्यार है !


यह जिंदगी का तोहफा मुझे तुमसे मिला है,

इसे खुशियों से भर कर उन्होंने हसीन बनाया है,

इस बेवफा दुनिया में जो बेखुदी प्यार करें,

उन मां-बाप से कहती हूँ... मुझे आपसे प्यार है !


शुक्रियादा करना है तेरी रिफ़ाकत का मुझे,

हर कठिन समय में संग पाया है तुझे,

उस हमदम से मुझे बस यही कहना है,

ऐ रफ़ीक... मुझे तुमसे प्यार है !


मौत को तुमने अपना आशना बनाया है,

लाल गुलाल नहीं, लाल लहू को अपनाया है,

तेरी शिद्दत और जुनून को मेरा सलाम है,

ऐ सैनिक...मुझे तुमसे प्यार है !


हर खता को तूने अनदेखा किया है,

हर झूठ को तूने अनसुना किया है,

तेरे लिए सही गलत दोनों ही समान हैं, 

ऐ क़ब्र... मुझे तुमसे भी ! प्यार है...


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