Sangieta Devkar

Drama Romance

5.0  

Sangieta Devkar

Drama Romance

तुम ही हो

तुम ही हो

29 mins
881



जून का महिना चल रहा था, ठडी हवाये चल रही थी ।कभी भी बारीश हो सकती थी, आसमान में काले बादल छा गये थे. शाम के 5. 30 बज चुके थे, विधि ऑफिस से निकलकर रोज के बस स्टॉप पे खडी थी , 10 मिनिट में बस आ गइ। एक जगह उसे खाली सीट मिल गयी। उसने अपने बॅग से हेडफोन निकाला और मोबाईल को लगाया। वो रोज रेडिओ सूनते सूनते ही सफर करती थी, बाहर बारीश हो रही थी, बारीश देखते देखते विधी को याद आ गइ अर्जुन की!! विधी को बारिश बिलकुल भी पसंद नही थी मगर अर्जुन को बारिश बेहद पसंद थी। छोटे बचचे की तरह वो बारिश में भिगताता था।एक दिन ऐसे ही वो दोनो लॉंग ड्राइव्ह के लिये गये थे, तभी जोर से बारिश आई, तो अर्जुन बेहद खुश था, वो मस्ती से बारीश में बाईक चला रहा था। विधी बोली, अर्जुन बारिश बहोत ज्यादा तेज हैं, चलो हम कही पें रुक जाते है। कुछ नही होगा विधी बस तुम ये बारिश एन्जॉय करो, मुझे जोरसे पकडकर बैठ जावो तब देखो तुम्हे भी ये बारिश प्यारी लगेगी।ना, अर्जुन मुझे नही पसंद ये बारिश, हर जगह मिट्टी, पानी प्लिज तुम रुक जावो ना!! ओके विधी ऐसे बोलते हुए अर्जुन जोर जोर से गाना गा रहा था', मोहब्बत बरसा देना तू, सावन आया है, तेरे और मेरे मिलने का मौसम आया है। तभि विधी उसके कानो में बोली, सबसे छुपा के तुझे सिने से लगाना है, प्यार में तेरे हद से गुजर जाना है, इतना प्यार किसीं पे पहली बार आया है। तब अर्जुन बोला, सच में विधी मैं, तुम और ये बारिश हाऊ रोमँटिक !

मिस्टर सिंगर पहले जगह देखो और रुक जावो विधी बोली। क्या यार लोग मेरा गाना सूनने के लिये टिकट निकालकर आते है और तुम हो की... अर्जुन झूठ मुठ गुस्से में बोल पडा। येस अर्जुन आय नो, जादा तर लडकीयाँँ आती है तुम्हारे प्रोग्रॅम में उन्हे सिंगर अर्जुन को सूनने के बजाय देखने में जादा इंटरेस्ट होता है, क्यू अर्जुन सच कहा ना ? वो बोला येस बट अर्जुन लवज ओन्ली माय स्वीटहार्ट विधी और वो जोर से चिल्लाया, विधी आय लव यु.....।क्यू चिल्ला रहे हो अर्जुन, कोई सून लेगा। ना विधी इस बारिश में कौन सूनने वाला है, बस बारिश ने ही सून लिया। विधी ने पिछे से ही अर्जुन को अपनी बाहो में थाम लिया, आज वो बेहद खुश थी।

अर्जुन बहोत प्यार करता था विधिसे। अर्जुनने एम बी ए किया था, पर उसे गाणे का बहोत शौक था।उसकी आवाज भी बहोत प्यारी थी।वो जब भी गाता था तब सबकुछ भूलकर पुरे दिलसे गाता था।उसकी आवाज मानो भगवान की देण थी। गाने में जैसी उसकी आत्मा बसती थी।इसिलीये गाने में ही करियर बनाने की उसकी ख्वाईश थी।और आज वो पुणे में एक फेमस सिंगर बन गया था।हसीनावो की दिल की धडकन बन चुका था।लडकिया उसपे अपनी जान छिडकती थी।लेकीन उसके दिल की धडकन सिर्फ विधी थी। अर्जुन देखने में बहोत हॅन्डसम था, छह फ़ुट उंचा, कसरतसे बनी उसकी फिगर, डॅशिंग पर्सनॅलिटी थी।और विधी एम कॉम की डिग्री लेकर एक कंपनी में जॉब करती थी, दिखने में सुंदर और प्यारी थी, हर वक्त हसता हुवा उसका चेहरा, कोई भी उसके लिये पागल हो सकता था।अर्जुन और विधी दोनो जैसे एक दुजे के लिय बने थे ऐसें लवबर्डस!! , 💝 अर्जुन का ख्याल मन में आते ही उसकी आंखे भर आई।उस दिन वो दोनो एक जगह पर रुके थे।अर्जुन बारिश का पानी विधी के उपर उडा रहा था। वो पहले से ही भीग गयी थी, पर अर्जुन सून नही रहा था।इतने में जोर से बिजली चमकी, तभी विधी ने अर्जुन की बाह को जोरसे पकडा।

वो हँस रहा था, बोला कितनी डरपोक हो तुम विधी!! हा हु मैं डरपोक विधी बोली। अर्जुन उसकी निगाहो में देखता हुवा, फिरसे गाना गाने लगा, " रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाये मन, भिगे आज इस मौसम में लगी कैसी ये लगन। अर्जुन की आवाज बहोत ही प्यारी थी।विधी हसते हुए उसे निहार रही थी। अर्जुन ने उसके माथे पर आये हुए बालोंको अपने हाथो से हटाया और उसके कान के पिछे डाला। उसके छुने से विधी रोमांचित हो गयी। अर्जुन ने अपने हाथ में उसका चेहरा लिया और विधी के ओठ चूम लिये। विधी बोली, कोई देखेगा ना अर्जुन। इस बारिश में कोई नही विधी और उसने विधी को अपनी बाहोमें भर लिया।विधी बोली, अर्जुन तुम मुझसे कभी दूर तो नही जावोगे ना? मुझे अकेला छोड तो नही दोगे ना ? ना विधी मैं तुमसे कभी भी दूर नही जाऊंगा, मेरी जिंदगी में दो ही चिजे मुझे जान से प्यारी हैं, एक मेरा गाना और एक तुम।

और उसने उसके माथे को चूम लिया।विधी को ये सभी बाते याद आ रही थी। गाना अर्जुन का पॅशन था, वो उसे कभी भी छोड नही सकता था। मगर विधी को कोई भी खबर ना देते हुए , बिना कुछ बताये अर्जुन लापता हो गया था। विधी ने अपने आसू पोछ लिये । और रेडिओ सूनने लगी, आर जे संग्राम तभी बात कर रहा था, उसका फेवरेट आर जे था संग्राम, संग्राम की आवाज बहोत प्यारी थी। वो बोल रहा था, बाहर इतनी मस्त बारिश हो रही हैं, सावन की ये पहली बारिश है । बारिश के साथ गरमा गरम पकोडे, और चाय हो तो और क्या चाहीये ? और ये सुहाना रोमँटिक मौसम में हमारे साथ " सेलिब्रिटी शो " में आज आ गये है .... वेट वेट पुणेकर मैं अभी उनका नाम नही बताउंगा ब्लकि उनका गाना सुना दुगा तो आप ही पहचानो कौन है वो? म्युझिक शुरू हुवा और गिटार पे ये धुन शुरू हुइ " हम तेरे बिन अब रह नही सकते, तेरे बिना क्या वजुद मेरा, तुझसे जुदा गर हो जायेगे तो खुद से ही हो जायेंगे जुदा .. क्यूकी तुम ही हो, अब तुम ही हो जिंदगी अब तुम ही हो और सिंगर की आवाज सून के विधी एकदम से शॉक हो गयी वो सिंगर अर्जुन था!!! वो ही ऐसे अनप्लग सॉंगस गाता था। उसे विश्वास नही हो रहा था की वो अर्जुन है मगर वो कैसे भूल सकती थी उसकी आवाज, पिछले तीन साल से अर्जुन और विधी साथ में थे वो अर्जुन ही था। अब विधी का ध्यान संग्राम की ओर था, वो सिंगर का नाम क्या बताता है ये वो ध्यान से सून रही थी। संग्राम बोला, सो एनीबडी कॅन गेस ..?? येस येस पुरे पुणे शहर की हसीनावो की दिल धडकन , द मोस्ट हँडसम सिंगर वन अँड ओन्ली अर्जुन sss.!! विधी को कुछ भी समज में नही आ रहा था, पुरे एक साल बाद वो अर्जुन की आवाज सून रही थी। इसका मतलब अर्जुन पुणे में ही था। तो साल भर वो कहा था? और अगर वो पुणे में ही है तो उसे मिलने क्यू नही आ रहा था, विधी से वो दूर क्यू रह रहा था? उसे वो विधी मेरी जान कहता था, तो क्यू ऐसे बिना बताये गायब हो गया था? और अब वापस आया है तो उसे एक कॉल भी नही किया ? उसका स्टॉप आ गया था, वो बस से उतर गयी , 10 मिनिट की दुरी पर उसका घर था, तो चलते चलते रेडिओ सून रही थी , संग्राम अर्जुन से कुछ सवाल पुछ रहा था, वो ध्यान से सून रही थी, संग्राम ने अर्जुन से सवाल किया की मिस्टर अर्जुन आप साल भर से पुणे में नही थे,

आपका एक भी प्रोग्रॅम हुवा नही ऐसा क्यू? क्या वजह थी इसकी? अचानक से आप कहा गायब हो गये? विधी को भी इसी सवाल का जवाब चाहीये था। अर्जुन बोला कुछ पर्सनल वजह थी, उसी के कारण मैं पुणे से बाहर था। आर जे संग्राम बोल रहा था, रविवारी के दिन अर्जुन का लाइव्ह शो हो रहा हैं.. और नेटवर्क के ना होने से रेडिओ ठीक से विधी सून नही पा रही थी। अर्जुन का प्रोग्रॅम कहा पर हैं ये कुछ भी वो सून नही पाइ। पिछले एक साल से विधी अर्जुन की राह देख रही थी, वही अर्जुन आज उसके इतने करीब था पर मीलने को क्यू नही आ रहा था? इस बात से वो परेशान हो गई ।उसे बहोत तकलीफ हो रही थी, शायद अर्जुन की जिंदगी में कोई और आ गयी होगी ऐसा विधी को लग रहा था।वो घर पर आ गइ मगर अर्जुन का ख्याल उसके दिमाग से नही जा रहा था।

कभी उसपर अपनी जान लुटाने वाला अर्जुन अचानक से गायब हो जाता है, उस से कुछ भी संबंध नही रखता और आज वो इसी शहर में होते हुए भी उसे विधी का ख्याल तक नही आया? ऐसा क्या हो गया था जिसकी वजह से अर्जुन ऐसे पेश आ रहा था। ये सब सोच सोच के विधी का सर चकरा रहा था। उसने मोबाईल लिया और अर्जुन का नंबर डायल किया मगर वो स्विच ऑफ लग रहा था। ये नंबर अवेलेबल नही है ऐसा आ रहा था।इसका मतलब अर्जुन ने पुराना नंबर चेंज किया था।विधी को बहोत बुरा लगा इस बात से उसे तकलीफ हुई। अर्जुन विधी को कैसे भूल सकता था? ये बात विधी को मन ही मन खाये जा रही थी। बहोत प्यार करता था अर्जुन उससे!!! बहोत सारी लडकिया अर्जुन की फॅन थी, उसपे मर मिटती थी, उसे सोशल मीडिया पे प्रपोज भी करती थी मगर अर्जुन किसी को घास नही डालता था। वो दिलो जान से सिर्फ विधी को चाहता था। विधी ही उसका सबकुछ थी।

ऐसा था, तो अर्जुन क्यू ऐसे पेश आ रहा ये तो वो ही बता सकता था। उसको याद आया की निखिल का नंबर है उसके पास, निखिल अर्जुन का दोस्त था। विधी ने निखिल को कॉल लगाया, मगर वो बिझी लग रहा था।

उसने उसे मेसेज किया की मुझे तुमसे मीलना है एक काम है। रात हो चुकी थी, इसिलीये वो सोने की तयारी कर रही थी। घर, ऑफिस और वो इधर तक ही विधी की जिंदगी सीमित थी। अर्जुन की यादे साथ थी बस!! घरसे उसे शादी के लिये दबाव आ रहा था, पर उसने मना किया और बोली, मुझे अभी शादी नही करनी , आप जोर जबरदस्ती करोगे तो मै घर छोड के चली जाऊगी।इसिलीये फिर से उसे किसीं ने शादी के लिये जबरदस्ती नही की। अपने मा बाप की एकेली बेटी थी विधी। उसकी खुशी में ही उनकी खुशी थी। अर्जुन से बेताशा वो प्यार करती थी।वो उसे कभी छोड के चला जायेगा ऐसा विधी ने कभी सपने में भी नही सोचा था।अर्जुन भी उससे बेइंतहा प्यार करता था। पागल था उसके लिये, वो अर्जुन ऐसे कैसे कर सकता है? इसी सोच से वो परेशान हो गई।उसकी आंखे भर आयी। अब निद आना नामुमकीन थी। उसे याद आ गइ उनकी वो आखरी मुलाकात , हर विकेंड पे अर्जुन और विधी मिला करते थे, बहोत जगह घुमते, मस्ती करते थे। उस दिन वो दोनो सिंहगड पर गये थे।खूब उन्होने मस्ती की, खाना खाया और एक जगह वो बाते करने के लिये बैठ गये। अर्जुन ने विधी की बहोत सारी सेल्फी निकाली। उन दोनोकि भी तसबीरे निकाली पर विधी की ज्यादा निकाली, घुमने , टहलने में विधी के समज में ये बात नही आयी की अर्जुन ने उसकी अकेली की बहोत फोटो निकाली है।

अर्जुन विधी की गोद में लेटा था, विधी अपने हाथोसे उसके बाल सवार रही थी, अर्जुन बहोत सुकून से आंखे बंद करके लेटा था, तभी विधी बोली, अर्जुन मेरे लिये गाना गा दो ना एक। कौनसा सूनना चाहती हो जान? विधी बोली , तुझे कितना चाहने लगे हम, , वो वाला। ओके मॅडम बोलकर अर्जुन उठके बैठ गया और बोला, सुनिये विधी मॅडम आपकी खिदमत में पेश कर रहा हु ये प्यारा सा गाना, , और अर्जुन गाने लगा, " दिल का दरीया बह ही गया, इशक इबादत बन ही गया। खुद को मुझे तू सौप दे, । मेरी जरूरत तू बन गया। बात दिल की नजरोने की, सच कह रहा 'तेरी कसम.... तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम, तुझे कितना चाहने लगे हम, , , । तेरे साथ हो जायेंगे खतम, , तुझे कितना चाहने लगे हम। इस जगह आ गयी चाहते अब मेरी, छिन लुंगा तुमहें सारी दुनिया से ही, तेरे इशक पे हा हक तेरा ही तो है, कह दिया है ये मैंने मेरे रब से भी। जिस रास्ते तू ना मिले, उस पे ना हो मेरे कदम। तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम, तुझे कितना चाहने लगे हम।तेरे साथ हो जायेंगे खतम, , , तुझे कितना चाहने लगे हम.......$$$। अर्जुन का गाना सूनते ही विधी खुश हो गई।माय लव अर्जुन आय लव यु सो सो मच ऐसा कहते विधी ने अपनी बाहे अर्जुन के गले में डाल दी। अर्जुन ने उसकी निगाहोमे झाककर उसके माथे को चूम लिया। और फिर उसके ओठो को चूम लिया।

अर्जुन विधी का चेहरा अपने आंखो में भर कर ले रहा था। अंधेरा होने लगा था, तब अर्जुन बोला, विधी चलो चलते है अब। अर्जुन निखिल के साथ एक फ्लॅट में रहता था। विधी को उसके घर के पास उसने ड्रॉप कीया। विधी बाईक से निचे उतर गई और बोली, अर्जुन धीरे से जाना और पहुचते ही मेसेज करना। हा विधी ऐसा बोलते हुए अर्जुन ने उसके हाथ अपने हाथ में लिये और उन्हे चुमा, मिस यु जान कहते उसके गालो पे हाथ फेर लिया, और भिगी आवाज में विधी को बाय कहा। विधी को ये समझ नहीं आया की अर्जुन इतना इमोशनल क्यू हो रहा है, पहले कभी ऐसा हुवा नही।वो बोली, मिस यु टू अर्जुन ।उसने बाईक शुरू की और टेक केयर जान बोलते हुए अर्जुन चला गया। विधी वहा पे खडी दूरतक उसे निहार रही थी, वो समज गई थी की अर्जुन इमोशनल हो गया था। अर्जुन बाईक चला रहा था, मगर दिल ही दिल में रो रहा था।अब आसू उसकी आख से बाहर निकल आये थे। ऊन आसु कों वो रोक नही पा रहा था। नजरो के सामने सिर्फ विधी का मासुम चेहरा आ रहा था। उसके ख्याल से आसू और भर भर के उमड रहे थे।पर विधी को तकलिफ ना हो इसिलीये तो अर्जुन ने आज एक फैसला किया था, उससे हमेंशा के लिये दूर जाने का ।। उसको बताके जाता तो शायद वो जा नही पाता। विधी के बिना जिना उसको भी नामुमकीन था। विधी तो उसकी जिदगी थी, उसकी सांस थी।पर आज दिल पे पथर रखकर वो विधी से दूर जा रहा था। वो वापस आयेगा या नही, ये खुद उसे भी मालूम नही था।

कुछ सवालो के जवाब खुदा ही दे सकता था। उसके हाथ में कुछ भी नही था। विधी को वापस मिल पायेगा की नहि ये भी नही जानता था। विधी तकलिफ से गुजरे ये उसे मंजूर नही था। वो हमेशा हसती रहे, खुश रहे बस इतना ही अर्जुन चाहता था। इसिलीये अर्जुन ने ये फैसला किया था। वो घर पर आ गया, निखिल लैपटॉप पे काम कर रहा था। अर्जुन ने उसे आवाज दी, निखिल हॉल में आ गया। वैसे ही अर्जुन अपने आप को सभलं ना सका और निखिल के गले लगकर खूब जोरो से रोने लगा। निखिल को सब पता था। उसने अर्जुन को कहा, अर्जुन शांत हो जावो, थोडा पानी पी लो। अर्जुन बोला, ना निखिल मुझे पाणी नही चाहीये, आय वॉन्ट माय लव, हाऊ कॅन आय लिव्ह विदाऊट हर? आय रियली लव विधी, ऐसा बोलते अर्जुन और रोने लगा। उसका रोना देख निखिल का दिल भर आया, वो जाणता था अर्जुन विधी एक दुसरे से जी जान से प्यार करते थे। निखिल बोला, अर्जुन तो फिर जो सच है वो विधी को बता दो। वो अगर सच्चा प्यार करती है, तो तुमहें किसीं भी हालत में छोड के नही जायेगी।अर्जुन बोला, निखिल विधी मुझपर खुद से ज्यादा प्यार करती है, वो मुझे कभी भी छोड के नही जायेगी।मुझे यही तो नही चाहीये, मेरी वजह से उसे तकलिफ हो, दर्द हो ये मैं नही चाहता।पर अर्जुन तुम उसे बिना बताये जा रहे हो, क्या ऐसा करके विधी खुश रह पायेगी? निखिल धीरे धिरे वो मुझे भूल जायेगी, और नई जिंदगी की शूरवात करेगी।अर्जुन तुम बोलतो हो, की विधी तुमसे जान से ज्यादा प्यार करती है, तो वो तुमहें भूल पायेगी ?

जिंदगी भर तुम्हारी राह देखती रहेगी तब तुम क्या करोगे? ऐसा उसके साथ करके क्या हासिल होगा तुमहें? अर्जुन बोला, अब तुम ही बतावो मैं क्या करू फिर ? मुझे गले का कॅन्सर हुवा है, मेरी आवाज बदलती जा रही है ये सब उसे बता दु ? और ये बिमारी ने मेरी जान ही लेली तो मैं क्या करू? विधी कैसे रह पायेगी ? इस से बेहतर तो वो मुझे बेवफा समझकर अपनी जिंदगी में आगे बडे। इसपर निखिल बोला, समझो के अर्जुन तुम इस कॅन्सर से ठीक हो के आ गये और तब विधी तुम्हारी जिंदगी में ना हो तो ? निखिल विधी का मेरी जिंदगी में होना या ना होना ये ज्यादा मायने नही रखता ब्लकि वो कही पर भी हो, मगर खुश हो यही मुझे चाहीये, अपने प्यार को हसता हुवा खुशहाल देखना यही तो सचचे प्यार की निशानी है।इस में मैने थोडा बलिदान दिया तो क्या हुवा।मैं बेहद प्यार करता हु विधी से निखिल!! और हमेशा करता रहूगा। जहा स्वार्थ आता है वहा प्यार हो ही नही सकता ये बात निखिल समझ गया था। अर्जुन बोला, सुनो निखिल मुझे कॅन्सर है, और मै कहा जा रहा हु ये सिर्फ तुम जाणते हो,

ये बात तुम विधी को मत बताना, तुमहें अपनी दोस्ती की कसम है।अर्जुन ये क्या बोल रहे हो तुम, और कसम कैसी? विधी आयेगी और मुझे सवाल करेगी की अचांनक से अर्जुन कहा गायब हुवा तो मैं क्या बताऊ? इसिलीये बोल रहा हु निखिल कुछ मत बताना विधी को, वो टूट जायेगी उसे तकलिप होगी और मैं ऐसे उसे देख नही पाऊगा। निखिल प्लिज मेरी खातिर, अपनी दोस्ती की खातीर इतना भी नही करोगे क्या अर्जुन ऎसे बोलते हुए अपने हाथ जोड रहा था, तभी निखिल ने उसके हाथ पकड लिये और बोला, अरे ये क्या कर रहे हो यार? मैं इतना भी नही कर सकता क्या तुम्हारे लिये।और दोनो की आंखे भर आई, गले लगाकर दोनो खूब रोये। अर्जुन के साथ हर कदम पर निखिल ने दिया था, उसका सिंगर बनना, उसकी हर एक तकलिफ उसने नजदिक से देखा था। आज इस उंचाइ पर अर्जुन था, ये सारा सफर निखिल ने साथ दिया था। और आज अचानक से ये कॅन्सर ने अर्जुन को पुरा हिला के रख दिया था। एक चॅरिटेबल ट्रस्ट के मदत से अर्जुन का इलाज होणे वाला था, इसिलिये आज रात की फ्लाईट से अर्जुन लंडन जा रहा था। अर्जुन ठीक होगा या नही ये तो भगवान ही जाणता था। निखिल को अर्जुन की ये हालत देखी नही जा रही थी, वो मन ही मन खुदा से दुवा  कर रहा था की उसका दोस्त सही सलामत वापस आ जाये।उसी रात निखिल अर्जुन को मुंबई तक छोड आया , आगे वो सुबह की फ्लाईट से लंडन जाने वाला था। अगले दिन सुबह विधी ने रोज की तरह अर्जुन को गुड मॉर्निंग का मेसेज किया।पर वो मेसेज नॉट सेंड ऐसे आ रहा था। कुछ नेट का प्रॉब्लेम होगा ऎसा समझकर विधि ने उसे इग्नोर किया। अब उसे ऑफिस के लिये तयार होना था।

वो बेड से उठकर आ गई।कल की हसीन शाम अर्जुन से मुलाकात यह मिठी यादे याद करते करते वो तयार हो रही थी।वो पार्कींग में आ गई और उसने अर्जुन को कॉल लगाया।पर ये नंबर अब बंद है , यह सेवा अब बंद हो चुकी है ऐसा उसे बताया गया। उसे आश्चर्य हुवा, कल रात तक तो नंबर चालु था अब क्या हो गया? अर्जुन का फोन बंद क्यू है, इस ख्याल से वो परेशान हो गई। अर्जून ठीक तो होगा ना, , ऎसा सवाल उसके मन में आ गया।उसने निखिल को कॉल लगाया। निखिल बोला, कल रात बारीश हुए ना तब उसका फोन पार्कींग में पानी में गिर गया इसिलीये बंद हैं और अर्जुन काम के सिलसिलें में सुबह बाहर गया हैं। ऐसा बोलकर निखिल ने तब बात सभांल ली। विधी वो बात मान गई। आज अर्जुन से बात नही हो पाई इसिलीये विधी उदास थी। शाम को ऑफिस छुटते ही विधी ने फिरसे अर्जुन को कॉल किया, पर अभि भी फोन स्विच ऑफ आ रहा था। फिर उसने निखिल को मेसेज किया की वो बरिस्ता कॉपी शॉप आ रही है 10 मिनिट में , तुम आ जावो मुझे बात करनी हैं। विधी पहुच गई, निखिल उसकी राह देख रहा था। उसके सामने के चेयर पर विधि बैठ गई। विधी बोली, निखिल अर्जुन का फोन क्यू बंद आ रहा है ? अर्जुन कहा है ? 

निखिल - विधी मैने भी कई बार उसका फोन ट्राय किया पर लग नही रहा है।

विधी -- तुम कुछ छुपा तो नही रहे हो ना मुझसे ? 

 निखिल --विधी सच में मुझे कुछ भी मालूम नही, मैं सुबह उठा तो अर्जुन घर पर नही था और ना उसका सामान बस एक नोट मिली मुझे उसमें यह लिखा था की निखिल मैं कुछ जरुरी काम से बाहर जा रहा हु।

विधी--- निखिल अर्जुन कहा गया होगा, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है।

निखिल -- मुझे भी समझ नही आ रहा है अचानक से अर्जुन कहा गया। हम उसकी राह देखते है और कर भी क्या सकते हैं।

विधी --- उसे कुछ टेंशन था क्या , कुछ प्रॉब्लेम?

 निखिल --- विधी टेंशन होता तो वो पहले तुमहें बताता , आफ्टर ऑल यु आर द मोस्ट क्लोज वन।

विधी-- अगर मैं सच में क्लोज वन होती तो अर्जुन यु बिना बताये अचानक से चला नही जाता ना निखिल ? 

निखिल--- विधी तुम ज्यादा सोचो मत वो तुमहें जरूर कॉन्टॅक्ट करेगा, हम राह देखते है ना। चलो अब चलते है। टेक केयर विधी। विधी घर पे आ गई।उसको लगा शायद अर्जुन ने फेसबुक या इंस्टा पे कुछ मेसेज किया होगा इसिलीये उसने वो ओपन किया मगर फेसबुक और इन्स्टाग्राम पे अर्जुन ने विधी को ब्लॉक किया था। उसकी आंखे भर आई, अर्जुन ऐसे कर सकता है इस पर उसका यकीन नही हो पा रहा था।विधी खूब रोने लगी, और अपने आपसे बात करने लगी, अर्जुन मुझसे तुम्हारा मन भर गया था तो वैसे बता देते ना, यु मुझसे दूर होकर क्या हासिल किया तुमने? बस एक बार मूझसे कहा होता की तुमहें ये रिशता आगे नही बढाना है, तो मैं बिना कुछ कहे चुपचाप तुम्हारी जिदगी से चली जाती।मेरा क्या कसूर था अर्जुन की उसकी इतनी बडी सजा मुझे दे दी।वो रोये जा रही था, मगर उसके सवालो का जवाब कही भी नही था। रो रो के विधी सो गई। सुबह वो उठ गई, उसने मोबाईल हाथ में लिया, तो सामने अर्जुन की फोटो, , , , कल उसकी फोटो देख देख कर तो रो रही थी वो।अर्जुन का हसता हुवा चेहरा देख फिर विधी की आंखे भर आयी।तभी अर्जुन की सारी तसबीरे वो देखने लगी।फिर उठके ऑफिस के लिये तयार होने लगी। लचं ब्रेक में उसे निखिल का मेसेज आया की अर्जुन ने उसे भी सोशल साईट से ब्लॉक किया था। मुझे भी इतना रिप्लाय विधी ने दिया। अर्जुन को पता था,

की विधी निखिल के सोशल अकाउंट से उसके साथ कॉन्टॅक्ट कर सकती थी इसिलिये उसने निखिल को भी ब्लॉक किया। मगर कॉल पे अर्जुन निखिल के कॉन्टॅक्ट में था।अब तक सात आठ महिने हो चुके थे, अर्जुन का कुछ पता नही था। कही से भी कुछ भी पता नही चल रहा था। एक बार विधी के मन में आया की अर्जुन के गाव जा के देख ले मगर फिर सोचा की जिसने इतनी आसानी से विधी को अपने जिंदगी से बेदखल कर दिया उसके बारे में जानने से क्या होगा।अगर उसका प्यार सच्चा होता तो वो ऐसे कभी नही करता।विधी ने तब ये ख्याल अपने मन से निकाल दिया।घर ऑफिस इसी में उसकी जिंदगी सिमट गई थी।पर आज भी वो अर्जुन को जी जान से चाहती थी। अर्जून के बगैर उसका हसना जीना कुछ भी मायने नही रखता था। वो आखरी सांस तक अर्जुन को भुला नही सकती थी।उसे अपने प्यार पर भरोसा था, एक ना एक दिन अर्जुन मिलने आयेगा यह विश्वास था विधी को।और आज एक साल बाद उसने अर्जुन की आवाज सुनी थी। वो बहोत बेचैन थी। कुछ भी करके उसे अर्जुन को मिलना था। उसने उसके साथ ऐसा क्यू किया वो इतने दिन से कहा था? इन सारे सवालो के जवाब उसे चाहीये थे।अर्जुन ने उसे इग्नोर क्यू किया

ये जानना था उसे, फिर चाहे अर्जुन उससे रिशता रखे या ना रखे ।विधी ऑफिस से सिधा निखिल को मिलने आयी। पर उसका फ्लॅट बंद था। उसने निखिल को कॉल लगाया, तो निखिल कंपनी के काम से बंगलोर गया था और दो महिने वही पे रुकने वाला था । विधी ने अर्जुन के बारे में सब कुछ निखिल को बताया। निखिल ने भी उसे आश्चर्य हुवा ऐसा बताया, और अर्जून के लिये वो बहोत खुश हैं ऐसा जताया।पर निखिल ये सबकुछ जानता था, क्यू की अर्जुन सिर्फ निखिल के कॉन्टॅक्ट में था। पर उसने विधी को ऐसा जताया नहि।विधी के समझ में ये नहि आ रहा था की अब अर्जुन को कैसे मिले ? उसके मन में आया की अगर अर्जुन यही पर है, तो उसे मिलने क्यू नही आया ? वो सच में मुझे भूल गया होगा क्या? अब अर्जुन की जिंदगी में मुझे सच में जगह नही क्या? ऐसें सवाल विधी के मन आ रहे थे। वो उसके काम में मशरुफ थी।अगर अर्जुन को मुझसे मिलना होगा तो वो खुद से मुझे कॉन्टॅक्ट करेगा ऐसा उसने सोच लिया। मिताली विधी की फ्रेन्ड उसके पास आयी और बोली, विधि कल मेरे साथ शॉपिंग के लिये आयेगी क्या? वैसे भी कल विकेंड था, सो विधी हा बोली। दुसरे दिन मिताली और विधी फिनिक्स मॉल आयी थी।मजेमें दोनो शॉपिंग कर रही थी। शाम हो गयी थी, वो दोनो कॉफी पी रही थी। अचानक से वहा म्युझिक की आवाज आने लगी, ड्रम गिटार की धुन शुरू हुई। और माईक पे कोई बोल रहा था, हॅलो पुणेकर गुड इविनिंग , धीस इज द मोस्ट रोमँटिक इविनिंग , टुडे वुइ कॅन लिसन द मोस्ट पुणेकर्स लवेबल सिंगर !

लेटस वेलकम देम विथ ह्युज कॅलपस (claps)।और उसके बाद एक पंजाबी सॉंग शुरू हुवा। लोग जोर जोर से सीटी बजाते हुए उस सिंगर को रिस्पॉन्स दे रहे थे। मिताली ने विधी से कहा, विधी कॅन यु मिस अर्जुन ? वो विधी के बारे में सबकुछ जानती थी। विधी बोली, हा और उसने अर्जुन का वो रेडिओ वाला इंटरव्ह्यू उसके बारे में मिताली को बताया। तब मिताली बोली फिर उसे मिली क्यू नही? मिताली सबकुछ करके देख लिया पर अर्जुन का कही पता ही नही विधी बोली।

अर्जुन ने भी तुझे कुछ कॉन्टॅक्ट नही किया क्या? मिताली बोली।नो मिताली जाने दो ना वो सब विधी बोली।ओके कह कर मिताली चूप बैठी। फिर से उस प्रोग्रॅम से आवाज आने लगी, तो क्या कहते वो जनाब, ये हसीन शाम इस प्यारेसे गाने के साथ और भी हसीन हो गई ना, अब और थोडा रुमानी हो जाये , तो सुनिये ये दर्द भरा प्यार भरा गाना और सिंगर कोन? बताना जरुरी है क्या? नहि ना, तो ये शानदार शाम पॉन्सर बाय रेड एफ एम , विथ बिग कॅलपस वेलकम द मोस्ट अँडोरेबल सिंगर .... और गिटार की धुन शुरू हुए गाना शुरू हुवा..." था कौन मेरा एक तू ही था, सांसो से ज्यादा जो जरूरी था। तेरे लिये मैं कुछ नही लेकीन मेरे लिये तू सबकुछ था।

नही जाना भूलाकर के ये बाते तुम ही कहते थे, रही खुशीया नही मेरी, के तुम भी वक्त जैसें थे। 

 तुम्हारा था, रहेगा भी, करे क्या दिल है दिवाना 

कभी मैं याद आऊ तो चले आना...

भले दुरी रहे जितनी निगाहो से निगाहो की ..

मगर ख्वाबो की दुनीया में मिलुंगा तुमसे रोजाना..."

ये आवाज सुनते ही विधी बोली, मिताली सून अर्जुन की आवाज चल जलदी से ऐसा बोलकर वह उस आवाज की ओर जाने लगी। निचे ग्राउंड फ्लोर पे प्रोग्रॅम चल रहा था। मिताली और विधि उस भीड में से निकलकर बिचोबीच खडे हो गये। विधी ने देखा बस दो तीन फूट की दुरी पर अर्जुन स्टेज पर माईक के सामने गाना गा रहा।

" यही तक था सफर अपना, तुमहें है लौटकर जाना, कभी मैं याद आऊ तो चले आना चले आना चले आना। विधी की आंखो में आसू उमड आये।सब ने बहोत तालिया बजाई।वन्स मोअर, वन्स मोअर ऐसी आवाज हर तरफ से आने लगी। अर्जुन ने विधि को देख लिया और उसे हाथ हिलाकर स्टेज के पिछे बुला लिया।विधी वहा गई, और उसने जोर से अर्जुन को अपनी बाहो में भर लिया।रोते रोते ही उसने बोला, अर्जुन कहा थे तुम ? मुझे अकेला छोड कर कहा गये थे? अर्जुन ने विधी को अपने से अलग किया और बोला, सब बताऊनगा , ये मेरा शो खतम होने दो। उसने विधी और मिताली को एक जगह बिठाया।अर्जुन और दुसरा एक सिंगर, दोनो ने बहोत अच्छा गाया। प्रोग्रॅम खतम होते ही मिताली बोली, विधी तुम अर्जुन से मिल के आ जाना मैं चलती हु।अर्जुन विधि को लेकर अपने फ्लॅट पे आ गया। अर्जुन ने दोनो के लिये कॉफी बनाई।विधी को कॉफ़ी दे दि और बोला, विधी कैसी हो तुम? विधी -- तुम्हारे बगैर मैं कैसी हो सकती हु अर्जुन? पर तुमहें क्या तुम तो मुझे अकेली को छोडकर चले गये।और वापस आये तो भी मुझसे मिलना जरुरी नही समझा ना? अर्जुन तुमहें मुझसे रिशता नही रखना था, तो वैसे बता देते मैं तुम्हारी जिंदगी से बीना कोई शिकायत के चली जाती।विधी का गुस्सा उसकी बातोंसे बाहर निकल रहा था। अर्जुन शांत बैठा उसी की और देख रहा था।विधी अब रो रही थी। अर्जुन की मिलने की खुशी से उसकी आख से खुशी के आसू निकल रहे थे। अर्जुन ने  अपने हाथो से उसके आसू पोछ दिये और बोला, पहले कॉफी खतम करो फिर तुम्हारे सारे सवालों के जवाब देता हु। कॉफी पिने के बाद अर्जुन बोला, विधी मैं चार महीना पहले ही पुणे में आ गया था।पर शायद तुम्हारी जिंदगी में कोई और आया होगा ये सोच के मैं तुमसे मिलने नही आया।विधि -- आर यु मॅड अर्जुन? तुम नही तो और कोई, ,

इतना मेरा प्यार कमजोर था क्या? तुमने मुझे पहचाना ही नही अर्जुन!!तुम अभी भी मुझे ना मिलते ना तभी मैं जिंदगी भर सिर्फ तुम्हारा ही इंतजार करती। मैने सिर्फ तुमसे प्यार किया है अर्जुन ! तुम्हारी जगह दुसरा कोई ले नही सकता।हा, पर तुम्हारी जिंदगी में कोई और आयी हो तो मुझे बेशक बताना।अर्जुन ने हसते हुए विधी का हाथ अपने हाथ में लिया और बोला, इतना प्यार करती हो मुझसे? विधि--- क्यू कोई शक है क्या? अर्जुन --- ना नो डाऊट , तो फिर मैं बहोत भाग्यशाली हु और इतना प्यार करने वाले को कोई कैसे छोड सकता है? विधी --- हा इसिलिये मुझे छोडकर चले गये थे, मैं बहोत गुस्सा हु तुमपे। अर्जुन --- अरे बाप रे अब तुम मुझे सजा भी दोगी, ठीक है दे दो सजा मुझे मंजूर हैं। 

विधि --मैं कौन होती हु सजा देनेवाली, तुम ने मुझे पराया जो किया। अर्जुन -- ऐसे मत बोलो विधी , हा मैं तुम्हारा गुन्हेगार हु तुम जो चाहे सजा दे दो।

विधी--- तो ठीक है, पिछले साल डेड साल तुम दूर थे मुझसे वो दिन, वो हर एक पल, तुम्हारी यादे, तुम्हारी याद में मेरी आंखो से बहते आसू, वो सब वापस लाकर दे सकते हो अर्जुन ! मुझे कितनी तकलीफ हुए इसका जरासा भी अंदाजा है क्या तुमको? तुमहें कुछ नहि समझ आयेगा, तुम तो चले गये मेरी पर्वा किये बैगर। तुम्हारा फोन बंद, फेसबुक , इन्स्टाग्राम पे मुझे ब्लॉक किया, मुझसे हर तरह का कॉन्टॅक्ट बंद किया, क्यू ऐसा किया तुमने अर्जुन क्यू? मेरी क्या गलती थी? इतना क्यू रुड (rude) बन गये थे तुम? मैने तुमसे प्यार किया यही गलती थी क्या मेरी? अचानक से मुझसे नफरत हो गई थी क्या? बात करते करते भी विधी रो रही थी। अर्जुन ने उसे अपनी बाहो में भर लिया, उसे जी भर के रोने दिया। तब अर्जुन बोला, विधी मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई। लेकीन तुमहें तकलीफ ना हो इसिलीये मैने ऐसा किया। क्या मतलब इसका मुझे ठीक से बतावो अर्जुन विधी बोली। ओके विधी तो सुनो, एक दिन मेरा गला बहोत दर्द कर रहा था, मैं तभी डॉकटर के पास गया।

डॉक्टर ने मुझे चेक करके दवाई दे दी।पर एक हफ्ते बाद भी दर्द कमी नही हुवा।तब मैं फिर हॉस्पिटल गया, डॉक्टर ने मुझे कुछ टेस्ट करने को बोला और उस रिपोर्ट में ये पता चला की मुझे गले का कॅन्सर हुवा हैं। और वो 1st स्टेप पर था। उसे बीच में रोकते हुए विधि बोली, तो मुझे बताया क्यू नही? अर्जुन बोला, पहले पुरा सून लो विधी। ठीक है वो बोली। अर्जुन बताने लगा, मुझे उस वक्त ये न्यूज शॉकिंग ही थी, मैं ही समझ नही पा रहा था की अब क्या करू? गाना तो मेरी सांसो में बसा था, उस पर ही इतना बडा घाव! गाने के बगैर मैं जिंदा नही रह सकता, मैं बहोत ज्यादा टेन्शन में था। कुछ भी समझ में नही आ रहा था। हॉस्पिटल से मुझे दवाई दि थी, और बार बार मै चेकिंग के लिये जाता था। सिर्फ निखिल को ये बात पता थी। एक दिन डॉक्टर मुझसे बोले, की तुम्हारा कॅन्सर अभि पहले स्टेप में ही है तो शायद ठीक हो सकता है, उसके लिये तुमहें फॉरेन जाना होगा। तुम ठीक हो जावोगे की नही ये मै नही बता सकता पर कोशिश करने मे क्या हर्ज है !! इसिलिये जितनी जलदी हो सके तुम लंडन जावो। और ट्रीटमेंट शुरू कर दो।फिर डॉक्टर ने ही मुझे लंडन के एक हॉस्पिटल के बारे में बताया।मेरे इलाज का खर्चा , वहा जाने का खर्चा कैसे मॅनेज किया जाये ये बडा सवाल मेरे सामने था। सौभाग्य से निखील को एक चॅरिटेबल ट्रस्ट की जानकारी मिली।कॅन्सर से पीडित लोंगोकी मदत वो ट्रस्ट करती थी। उनके माध्यम से मै लंडन गया, मेरा पुरा इलाज कराया।विधि ये सब मैने तुमहें नही बताया क्यूकी तुम ये सब सह नही पाती।

तुमहें बहोत ज्यादा तकलीफ हो जाती और इस कॅन्सर से मैं ठीक हो जावूगा ये मुझे भी पता नही था।इसिलिये तुमहें बीना बताये मैं लंडन चला गया।मेरा जो हाल हो जाता मैं सह लेता, मुझे मेरी पर्वा नही थी।पर तुम मुझे बेवफा मानकर तुम्हारी जिंदगी में आगे बढ जाती।और तुम जहा रहती वहा तुम खुश हो ये जानकर मैं खुश हो जाता। ये सब सूनके विधी की आंखे भर आई। वो बोली, अर्जून एक बार बता तो देते, इतना कुछ अकेले ही सह लिया।मैं तुमहें इस हाल में अकेला कभी भी छोड कर ना जाती।हर हाल में तुम्हारे साथ रहती।अर्जुन ने उसकी आँखे पोछ ली।वो बोला, विधि मेरी वजह से तुमहें तकलीफ हो ये मैं नही चाहता था। और मैं वापस ठीक होके आऊगा या नही ये मालूम नही था, मेरी वजह से तुम्हारी जिंदगी रुक ना जाये, यही सोच के मैं तुमसे दूर चला गया था।विधी --- पर अर्जुन कुछ भी हो जाये मैं तुम्हारे बिना जी नही पाउगी और आखरी सांस तक तुम्हारी राह देखती रहूगी ये तो तुमहें मालूम था। तुम्हारी जगह दुसरा कोई ले नही सकता और मैं तुमहें भूल जाऊंगी ये कैसे तुमने सोच लिया।अभी भी तुम ना मिलते मुझे तो भी मैं तुम्हारी राह देखती क्यूकी तुमपे बहोत ज्यादा भरोसा करती हु। मेरे प्यार पे मुझे यकीन था, तुम मुझसे दूर नही जा सकते इतना यकीन था। अर्जून --- हा विधी तुम्हारे प्यार और विश्वास के सहारे तो मैं जिंदा तुम्हारे सामने हु। उसने विधी का हाथ थाम लिया बोला, तुमहें फिर से देख पाऊगा की नहि ये भी मुझे मालूम ना था, आय एम एक्सट्रीमली सॉरी जान, मैने तुमहें बहोत हर्ट किया।विधि --- अर्जुन सॉरी मत कहो, आगे बतावो क्या हुवा लंडन में।

अर्जुन-- वहा जाने के बाद मेरा ट्रीटमेंट शुरू हुवा। मेरा कॅन्सर फर्स्ट स्टेज पे था तो डॉक्टर ने मुझे पुरी तरह से ठीक करने का यकीन दिलाया। वहा पे नये नये तरीके और दवाई भी थी।मेरी एक छोटी सर्जरी की गई दुर्बीण के माध्यम से। इसमें जो कॅन्सर की गांठ थी वो निकाल दि।ये ऑपरेशन दुर्बीण के द्वारा हुवा इसिलिये मेरे शरीर पे कही भी कोई निशाण नही। मेरी आवाज भी पहले जैसी ठीक हो गई। बस कुछ सात आठ महिने मुझे रेस्ट लेनी थी। गाना पूरी तरह से बंद था। पुरा इलाज होने के बाद और मैं पुरी तरह से ठीक होणे के बाद ही मुझे वापस इंडिया आने दिया। विधी--- और ये सब निखिल को पता था। अर्जुन --- हा विधि मैने उसे हमारी दोस्ती की कसम दि थी की तुझे ये कुछ भी ना बताना सॉरी फॉर एव्हरी थिंग विधि।अब मैं तुमहें छोड के कही भी नही जाऊगा आय प्रॉमिस।विधी ने उसे अपनी बाहो में भर लिया और बोली, अब मैं भी तुमहें कही नही जाने दुगी। अर्जुन बोला, जिस चॅरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से मैं लंडन गया था, उनके लिये मैने सन डे के दिन एक शो रखा है, उस शो के पुरे पैसे मैं गरीब बचचे जो कॅन्सर से जुज रहे है उन्हे दे दुगा। बहोत बडे पैमाने पर ये शो होणे वाला है। मेरे साथ और दो सिंगर होगे।

विधी बोली, बहोत खूब अर्जुन , मैं भी जरूर आऊगी। अर्जुन बोला, तुमहें तो आना ही है, तुमहारे प्यार और विश्वास के बलबुते पर ही मैं सही सलामत वापस आया हु, तो तुमहें थँक् यू तो बोलना है ना !

विधि घर आयी, वो बहोत खुश थी, अपने माँ बाबा को उसने अर्जुन के बारे में बताया, वो बहोत खुश हुए।

रविवारी के दिन एक बडे से ग्राउंड पे अर्जुन का शो था। प्रोग्रॅम के लिय बहोत ज्यादा भीड हुई थी। विधि अर्जुन के साथ ही आई थी।अर्जुन आज बहोत ज्यादा हॅन्डसम दिख रहा था, व्हाईट टी शर्ट उस पे डेनिम का जैकेट, ब्लू जीन्स, , उसने पहना था।बहोत प्यारेसे सॉंग्स अर्जुन ने गाये। पहले रो में ही विधि, मिताली, और निखिल बैठे थे। निखिल खास करके अर्जुन से मिलने के लिये छुट्टी निकाल कर आया था।प्रोग्रॅम दो घंटा शुरू था, अब अर्जुन का लास्ट सॉंग था, तब अर्जुन ने विधि को स्टेज पे बुला लिया और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला फ्रेंड्स अपनी सभी के जिंदगी हम जो नाम कमाते है या जो शौहरत हमे मिलती है उस के पिछे हमारे खास ऐसे शक्स का प्यार विश्वास और सपोर्ट होता है।वैसे ही मेरी जिंदगी में मेरे प्यार का मेरी विधि का विश्वास है, उसका सच्चा प्यार है जिसके बदोलत मैं आज यहा आप के सामने हूँ। सो टूडेज लास्ट सॉंग डेडीकेट्स टू वन अँड ओन्ली माय बिलव्हड विधि और अर्जुन गाने लगा, , , " तेरे लिये ही जिया मैं, खुद को जो यु दे दिया है, 'तेरी वफा ने मुझको संभाला, सारे गमो को दिल से निकाला, तेरे साथ मेरा है नसीब जुडा, तुझे पाके अधुरा ना रहा, , ह्म्मम्म्म, ,

क्युनकी तुम ही हो, अब तुम ही हो जिंदगी अब तुम ही हो, चैन भी मेरा दर्द भी, मेरी आशिकि अब तुम ही हो..."!

तालियो की गुंज से सारा माहौल झूम उठा, और शो खतम हुवा ।विधि और अर्जुन के प्यार भरे जिंदगी की शुरवात हो गई। दो प्यार करने वाले हमेशा के लिय एक हो गये।


Rate this content
Log in

More hindi story from Sangieta Devkar

Similar hindi story from Drama