ट्रेलर
ट्रेलर
धरती कचरे के पहाड़ को अपने तन पे उठा कराह रही थी तभी डम्परों ने फिर कचरा गिराना शुरु कर दिया। धरती की कराह पर एक ढीठ डम्पर ठहाके लगाते हुए बोला,
"अभी तो और लाना है धरती मैया। उठाओ, उठाओ तुम्हारे बच्चों का उपहार है हा हा हा"
धरती तड़प उठी। यह व्यंग बाण उसे भीतर तक भेद गया। हवा यह बात सुन रही थी, उसने सांत्वना देते हुए कहा, "जाने दो दीदी
ये अपनी करनी खुद भुगतेगा पर बात तो सही कही दीदी। तुम कितना सहती हो इन इंसानों के लिए पर ये तुम्हारा ये हाल करते है।
धरती बोली "छोटी मैं सांस तक नहीं ले पा रही हूँ और मानवजाति के लिए चिंतित भी हूँ"
हवा ने भी दुख से कहा "दीदी मैं भी बहुत परेशान हूँ। मुझमें इस कचरे से इतना प्रदूषण समा गया है कि छोटे छोटे बच्चों को भी मास्क लगा के स्कूल जाना पड़ रहा है न जाने कल क्या होगा?"
तभी पास के ताल से आवाज़ आई।
जल ने दुखी स्वर में कहा "मैं भी निरंतर प्रदूषित होता जा रहा हूँ। कचरे का आर्सनिक मुझे बर्बाद कर रहा है। मैं प्राणदायक की जगह प्राण घातक बनता जा रहा हूँ। पागल है ये मानव धरती, वायु और जल जो जीने के लिए जरुरी है उन्हें ही नष्ट कर रहा है"
तभी तड़क के पास का ट्रांसफार्मर चिल्लाया, "मैं ओवर लोड होने के कारण बहुत गरम हो गया हूँ, बचाओ बचाओ"
तभी ट्रांसफार्मर में आग लग गई, कचरे का पहाड़ धू धू करके जलने लगा। आग के गोले लुढ़कते हुए सड़क पर गिरने लगे। कई डम्पर चपेट में आ गए। तभी हवा बोली "लो दीदी देख लो ट्रेलर"
