तितलियाँ नहीं बदली

तितलियाँ नहीं बदली

1 min
518


रविवार का दिन था। सुबह का वक्त था। शर्माजी चाय पीकर आराम फरमा रहे थे। दरवाज़े की घंटी बजी। शर्मा जी ने गोलू से कहा जरा देखना कौन है?

गोलू बोला अभी आया दादाजी। गोलू के अनपेक्षित आज्ञाकारिता से दादाजी विस्मय पूर्वक आनंदित हो उठे।

गोलू दौड़ते हुए दरवाज़े की तरफ भागा। बोला आज कॉलेज में स्पेशल क्लास है। ज़रा देर से आऊंगा।

शर्माजी का दिमाग ठनका। रविवार के दिन स्पेशल क्लास?खिड़की से देखा। गोलू के बाइक पे उसके कॉलेज की कोई दोस्त बैठी हुई थी।

शर्माजी मुस्कुराने लगे। बचपन में गोलू ऐसे ही झूठे बहाने बनाता था तितलियों को पकड़ने के लिए।

तितलियाँ बदल गयी थी पर तितलियाँ नहीं बदली।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama