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Arun Singh

Thriller

3  

Arun Singh

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सपनों का मायाजाल Part 4

सपनों का मायाजाल Part 4

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नवीन को लगा होगा की काव्या भी दूसरों की तरह मेरे अंधभक्त होने पर हंसेगी। इसलिए नवीन ने अपने कमरे से बाबा जी की फ़ोटो और चरणामृत को छुपा दिया। नवीन काव्या के सामने अपनी एक अच्छी छवि प्रस्तुत करना चाहता है। जिससे काव्या नवीन से दोस्ती कर ले।

नवीन अब दिन रात काव्या के बारे में सोचता है। साथ ही अब उसे अजीब डरावने सपने आते हैं। वो सपने पहले के जैसे सामान्य नहीं रहे बल्कि उन सपनो ने नाइटमेयर का रूप ले लिया। जब भी नवीन को नींद आती तो कोई नवीन का सिर दबा देता। अब नवीन को रात को नींद नहीं आती थी। इसलिए नवीन रात की बजाय दिन में सोने लगा। नवीन ने कॉलेज जाना बंद कर दिया। नवीन के कॉलेज के लड़के नवीन से मिलने आए और नवीन का हालचाल पूछा। नवीन कहने लगा की वो कुछ दिनों के लिए गांव जा रहा है। इसलिए अब कुछ दिनों तक मैं कॉलेज नहीं आऊंगा। अब नवीन बंद कमरे पर ही अकेले रहने लगा। नवीन को लगा की कोई भूत उसे परेशान कर रहा है। इसलिए वह भूत भगाने की तरीका ऑनलाइन खोज रहा था। नवीन के कमरे में तंत्र मंत्र के समान बिखरे हुए थे।

अचानक से नवीन के कमरे में काव्या आ गई नवीन को थोड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन नवीन मन ही मन खुश हो गया उसने काव्या से कुछ भी नहीं कहा। 

परंतु काव्या ने नवीन से कहा तुम कमरे में अकेले क्यों रहते हो क्या तुम्हे पड़ोसी से बातचीत करना अच्छा नहीं लगता। कभी कभी कमरे से बाहर की दुनिया भी देखनी चहिए। यह बहुत ही खूबसूरत और लाजवाब है। 

नवीन को अजीब लगा की कमरे में तंत्र मंत्र के समान के बारे में काव्या ने कुछ नहीं कहा। खैर नवीन ने काव्या की हां में हां मिलाई और कहा मैं अजनबियो से बात नहीं कर पाता। मैं इस शहर में नया हूं इसलिए किसी से अभी तक दोस्ती नहीं हुई। नवीन ने थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोला क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी।

काव्या कुछ देर तक चुप रही और फिर बोली मैं भी अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। अगर तुम्हे अजनबी लड़की से मित्रता करनी है तो तुम किसी दूसरी लड़की से कर लो। 

नवीन ने संकोच भरते हुए कहा फिर तुम मुझ से मिलने क्यों आई। काव्या ने कहा घबराओ नहीं मैं मजाक कर रही थी आज से हम दोनो दोस्त हैं। काव्या ने नवीन को अपना नंबर देते हुए कहा तुम खाली समय में मुझ से बात कर सकते हो। 

नवीन मन ही मन खुश होकर भगवान को धन्यवाद बोलकर अपने आप में ही बड़बड़ाने लगा। 

काव्या ने नवीन को झकझोरते हुए कहा किसकी यादों में खो गए। नवीन ने कहा की मुझे अभी अभी सूचना मिली की देश का एक वैज्ञानिक समूह मुझ से आज रात मिलना चाहता है।  वह मेरी खोज से प्रभावित होकर मुझे समानित करना चाहते हैं।

काव्या ने आश्चर्य से पूछा तुमने क्या खोज की है मुझे भी अपने खोज के बारे में बताओ। 

नवीन एकदम चुप हो गया उसने कुछ नहीं बता पाया। तो नवीन इधर उधर की बाते करने लगा की मैंने इंटरनेट पर कुछ खोज लिया है। जिसके बारे में किसी से बात नहीं करूंगा। 

इतने में ही नवीन ने आइना हाथ में लिया और काव्या से कहने लगा देखो वैज्ञानिकों ने मुझे वीडियो कॉल की है नवीन आईने के सामने वैज्ञानिकों से बात करने लगा।

इतने में मकान मालिक चिंतामणि कमरे के पिछले दरवाजे पर दस्तक देने लगा। नवीन दरवाजा खोलने गया। नवीन ने पीछे देखा तो काव्या वहां से गायब हो चुकी थी। 

चिंतामणी ने नवीन से कहा की तुमने क्या हालत बना रखी है। ये कुर्ता और पैजामा तुम पर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा और रसोई में ये मिट्टी के बर्तन क्यों रखे हैं। 

मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा की तुम आजकल इतने क्यों बदल गए हो। लगता है तुम पर भी स्वदेशी अपनाओ का भूत सवार हो गया है। और सब तो ठीक है लेकिन तुम ये तंत्र मंत्र करना बंद कर दो नहीं तो तुम्हें कमरा छोड़ना चाहिए।

नवीन हंसते हुए बोला अंकल आपको भी स्वदेशी अपनाना चाहिए। आप डरिए नहीं अंकल आजकल मुझे इस कमरे पर कोई भूत परेशान कर रहा है। उसको भगाने के लिए मैंने ये तंत्र मंत्र का सामान लाया हूं।

चिंतामणी ने कहा वो भूत हमे क्यों नहीं परेशान करता ये सब क्रिया घर पर करने की जरूरत नहीं है पास ही में एक तांत्रिक बाबा रहते हैं तुम उनसे मिलकर एक बार बात कर लो।

नवीन कहने लगा नहीं अंकल आज मेरे पास उतने पैसे नहीं है आज रात मुझे बहुत ज्यादा पैसा मिलने वाला है फिर कल मैं तांत्रिक बाबा से मिल लूंगा।

क्या आज रात तुम्हारी लॉटरी लगने वाली है यह कहते हुए चिंतामणी कमरे से बाहर चले गया। चिंता मणि को नवीन का व्यवहार कुछ अजीब लगने लगा।

चिंतामणि ने नवीन के पापा को कॉल पर नवीन के बारे में सब बता दिया की आजकल नवीन कमरे पर अजीब हरकते कर रहा है। 

चंद्रमोहन ने चिंतामणि से बताया कि कुछ नहीं नवीन नए लोगों से कम मिलता जुलता है इसलिए कुछ दिनों बाद सब ठीक हो जायेगा।

चिंतामणी ने भी उन बातो को नजरंदाज कर दिया और अपने कार्य पर व्यस्त हो गया। नवीन ने शाम को काव्या को कॉल किया और उससे बात करने लगा। काव्या ने नवीन से कहा की तुम सबसे अकेले चुप चाप क्यों रहते हो।

नवीन ने काव्या से कहा मेरे अतीत में बहुत बुरी घटनाएं घटी। जब मैं छोटा था तो मेरे माता पिता आपस में लड़ाई करते थे। मेरे पिता जी शराब पीकर घर आते थे, जिसके बाद मेरे माता पिता के बीच लड़ाई होती रहती थी। गांव में  किसी के घर जाने पर या किसी दोस्त को घर बुलाने पर मेरी मां मेरी पिटाई करती थी। इसलिए मैं घर में हमेशा अकेला रहता और अपने आप में ही खोया रहता।

एक दिन मैं खेलने में व्यस्त था उस दिन मैंने अपना पाठ याद नहीं किया। तो मेरी मां ने गर्म लाल चिमटा मेरे गाल पर रख दिया। उसके बाद मैं अकेले ही रहकर मैजिकल थिंकिंग करने लगा। तब मेरा सबसे अच्छा दोस्त टीवी बन गया। मैं अकेले दिन में टीवी देखता। अगर कोई व्यक्ति टीवी देखने मेरे घर पर आता तो अपनी मां के डर से मैं टीवी खराब कर देता।

मेरी मैजिकल थिंकिंग बढ़ने लगी चीजों को बार बार छुना। चलते समय कुछ कदम पीछे चलना। यह सब मेरी जिंदगी में आम बात हो गई। लोग मेरे बारे में चिंतित रहते थे की शहर में ऐसा करने पर दुर्घटना हो सकती है।

काव्या कॉल पर कहा यह घटनाएं उतनी बुरी नहीं है तुम्हें अपने अतीत को भूलकर अपने वर्तमान में जीना चहिए। 

नवीन ने कहा इन सब घटनाओं के चलते मुझे अजीब सपने आते हैं कोई मुझ से सपने में बात करते हैं। आजकल मुझे भूत भी परेशान कर रहा है। भूत मुझे रात को सोने नहीं देता।

काव्या ने इन सब बातों को नजरंदाज करते हुए कहा कि वैज्ञानिक तुमसे कितने बजे मिलेंगे।

नवीन ने आईने को सामने रखा और काव्या से कहने लगा की उनसे अभी मेरी बात हुई है वो कुछ ही देर में पहुंचने वाले हैं इसलिए अभी मैं कॉल कट कर रहा हूं। तुमसे बाद में कॉल करता हूं। 

नवीन को एक आवाज सुनाई देती है की तुम वैज्ञानिकों का इंतजार बाहर गेट पर करो वो आने वाले हैं। सब लोगों के सोने के बाद नवीन रात को गेट पर खड़ा होकर वैज्ञानिकों का इंतजार करने लगता है।


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