समय और परिस्थितियाँ
समय और परिस्थितियाँ
एक बार की बात है। एक गाँव में चार भाई बहन और उनके बूढ़े माँ - बाप रहते थे। उनके सबसे बडे़ लड़के का नाम मय्युर था ,बीच वाले का राहुल और सबसे छोटे वाले का चिंतन था। उनकी बहन का नाम कविता था। उनका गुज़ारा बहुत मुश्किल से होता था। इसी चिंता में एक दिन उनके पिताजी मनोहर जी का देहांत हो गया। मनोहर जी खेती का काम करते थे जिससे की वे अपने परिवार को दो वक्त की रोटी प्रदान कर सकें।
लेकिन उनकी मृत्यु के बाद कोई भी एसा वक्ती नही था जो उनके घर का खर्चा उठा सके। लेकिन राहुल को पढ़ाई में रूची थी। उसको पढ़ाने के लिए उसकी माँ ने गहने बेच डाले और उसका विद्यालय में दाखिला करवा दिया। देेखते ही देखते राहुल अपनी कक्षा में अव्वल आने लगा। और कुछ साल बााद उसकी सरकारी नौकरी लग गई। जिससे उनके घर के हालात ठीक हो गये।
कविता की उम्र निकली जा रही थी। तो उन्होने ं उसके लिए वर देखना शुरू कर दिया। वह थोड़ी साँवलेे रंग की थी। तो थोड़ी मुश्किलें आ रही ं थी। आखिर में वर मिल गया। और उनका विवाह हो गया। कविता का पति दारू पीता था ,नशा करता था और बात बात पर कविता पे हात उठाता था।
बहुत परेशान होकर कविता अपने मायके लौट गई। और वह सदमे में चली गई। उसके परिवार ने उसे बहुत समझाया। रााहुल को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई। और वह उस लड़के से भिडने चला गया। और उसे घरेलु हिंसा के जुर्म मेें गिरफ़तार करवा दिया।
इस कहानी से हमेें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हर समस्याओं का सामना डट कर करना चाहिए और किसी भी परिस्थिति से घबराना नहींं चाहिए।
