शराबी दोस्त
शराबी दोस्त
शाम का वक्त था और ठंडियों के दिन अभी चालू हुऐ थे, लालू तेज रफ्तार में बाईक चला रहा था क्योंकि उसका दिल आज टूटा था, वो अपने दोस्त सूरी और चंपक के पास जा रहा था ताकि अपने दिल का दर्द कम कर सके।सूरी ने लालू आते देखा तो चंपक से बोला "अरे चंपक देख आज तो लालू बड़ी तेज गाड़ी चला रहा है जैसे इसमें कोई भूत आ गया हो या पीछे पड़ गया हो" और फिर दोनो तेज तेज हंसने लगे,चंपक ने लालू को देखा वो एक बैग भी लाया था अपने साथ और उसका मुंह बैंगन जैसे लटका हुआ था,
" क्या हुआ लालू, तेरा मुंह उतरा हुआ क्यों है" सूरी ने हाथ मिलाते हुए लालू से पूछा।
चंपक पहले तो रुंआसा से हो गया फिर दोस्तों के शैतानी चेहरे देख के एकदम से बोल पड़ा "अरे कुछ नही हुआ बस आज से तेरा भाई के जिंदगी में कोई टेंशन नही होगी।"
सूरी और चंपक बहुत पहले से लालू को जानते थे तो वो समझ गए की जरूर प्यार का मामला है ,दोनो कुछ नही बोले तो लालू खुद ही बोल पड़ा "अबे जाहिलो ! पानी और चकने का इंतजाम तो कर दो।तीनो ने मिल के सारा इंतजाम कर दिया शराब पीने का,दो तीन पैग मारने के बाद रात भी होने लगी और ठंड भी बड़ने लगी तभी सूरी ने लालू से पूछा " लालू तेरा दिल टूटा है और तू शॉपिंग कर के आ रहा है ."
" अबे यार मैं तो पीने की वजहें ही भूल गया."
लालू भाग के गया और बैग उठा लाया, उसमे व्हाइट रंग की शर्ट थी जो बिल्कुल नई थी, उसने जेब से लाइटर निकाला और आग लगा के तीनो के बीच में रख दी,चंपक और सूरी उसे भूतो की तरफ देखते रहे, उन्हें समझ नही आ रहा था कि उन्हें नशा हो गया है या सारा नशा उड़ गया,वो दोनो कुछ बोलते की उस से पहले ही लालू अपना गिलास उठा के बोल पड़ा "भाईयो ये उस बेवफ़ा का दिया हुआ गिफ्ट था इसी को जलाने आया था."
ये बात सुनते ही चंपक बोल पड़ा "बेवकूफ मुझे ही दे देता।"
लालू ने बैठे बैठे ही लात मारी चंपक पर " सीधे से शराब पी ले चंपक, नही तो इसी शर्ट के साथ जला दूंगा" और फिर हसने लगातीनो बचपन के दोस्त थे तो बुरा नही मानते थे,उसके बाद लालू ने अपने प्यार की हर निशानी जला दी जो उसने दी थी उसे,तीनो ने खूब शराब पी और लालू के आंसू पर मजाक उड़ाया और फिर घर चले गए.
अगले सुबह लालू ने चंपक को कॉल किया,
"चंपक मूड खराब है यार बहुत, आज का कर लो कुछ। "
"लालू पैसे तो मेरे पास भी नही है और सूरी भी खाली बैठा है."
चंपक "तो कैसे होगा लालू, मुझे तो आज जैकेट जलानी है , कल बच गई थी."
"चल आजा मन्दिर के पीछे प्लॉट में। "
तीनो अक्सर वही मिलते थे।चंपक और लालू आ गए थे और वो सूरी का इंतजार कर रहे थे,इतने में सूरी अपनी बाइक ले के आ गया,
"मेरा इंतजार चल रहा था क्या" सूरी आते हुए बोला।
"तेरा नही, तेरी बाइक का" लालू गुस्से में बोला और चंपक हसने लगा।
"भाई 1000 रूपये तक का इंतजाम कैसे होगा आज" चंपक बोला,
लालू ने दोनो को देखा और गुस्से में बोला " अबे जिंदगी में कभी तो काम आ जाओ, दोस्त के नाम पर कीड़े पाले हुए है मैने।"
चंपक कुछ सोच के बोला " जैकेट लाया है ."
लालू ने अपनी पहनी जैकेट की ओर इशारा किया और बोला " यही है."
"बिल लाया है" चंपक बोला।
"फोन में सेव है इनवॉइस"
"जैकेट उतार और बिल भेज मेरे फोन में. "
लालू ने वही किया,इतने में ही वहा कमल आता हुआ दिखा और उसने सबसे हाथ मिलाया,कमल चंपक के साथ ही काम करता था किसी होटल में, जहा ये दोनो वेटर थे, और चुंगी आपस में ही मर लेते थे इसलिए अच्छा दोस्ताना हो गया था,
"कमल आज कैसे यहां" लालू ने बोला।
"अरे वो चंपक भाई का मैसेज आया था" कमल बोला।
लालू और सूरी ने चंपक की ओर देखा।
" और होटल में कैसा चल रहा है कमल" हस्ते हुए चंपक बोला।
"मस्त चल रहा है चंपू भाई" कमल ने भी मजाक किया।
"और चुंगी" चंपक ने इशारा किया,
"उसके बिना नौकरी में मजा ही कहा है " कमल बोला।
"कमल, तू शर्ट में ही क्यों घूम रहा है , ठंड नही लग रही क्या" चंपक बोला और उसने सूरी और लालू की ओर आंखों से इशारा किया जो कमल नही देख पाया,
"अरे हां कमल, पैसे बचाने लग गया है क्या" सूरी बोला,
"अरे भाई, नौकरी से वक्त नही मिला, और अभी अभी तो ठंड चालू हुई है , सोच रहा ही आज शाम को हॉफ कर लेता हू नौकरी" सोचते हुए कमल बोल पड़ा,चंपक ने सूरी को कोहनी मारी तो सूरी बोला।
" कमल ऐसी जैकेट लेले, पैसे भी कम है और गरम भी पूरी रहती है " कहते हुए सूरी ने कमल को जैकेट पहना दी.
"लग तो अच्छी रही है तुझ पर कमल" लालू बोला और फोन से फोटो खींच के कमल को दिखाई, कमल फोटो देख के काफी खुश हुआ.
" यार चंपक कहा से मंगाई है ये जैकेट, मुझे भी मांगा ले, कितने रूपये की है " कमल उत्सुकता से बोला।
"मैने तो बड़े भाई से मंगाई थी दिल्ली से, अब तो वो नेक्स्ट महीने आयेगा" लालू बोला
कमल बोला "फिर तो काफी देर हो जायेगी यार."
"नही यार तू इसी को लेले, मैं तो दोबारा मांगा लूंगा और मेरे पास और भी जैकेट है अभी तो" लालू बोला
" हां कमल तू यही लेले, तेरे पर अच्छी भी लग रही है और क्यों नौकरी का आधा दिन खराब कर रहा है " चंपक ने कमल के कंधे पर हाथ रख कर बोला,
कमल काफी खुश हो रहा था की उसको इतने अच्छे दोस्त मिले पर उसे क्या पता था की ये जैकेट तो एक बेवफा की निशानी है और जिस दोस्तो मैं उसे भगवान के चेहरे नजर आ रहे थे उनका रास्ता शराब की गलियों में डुबकी मर रहा था.
"कितने रूपये की है ये जैकेट चंपक" कमल बोला
" लालू को पता होगा उसकी ही जैकेट है " चंपक बोला
"देख कमल जैकेट तो ये 3000 की है " बिल फोन मैं दिखा कर कमल को बोला लालू
"पर तू चंपक का इतना अच्छा दोस्त है तो 1500 दे दे" लालू बोला।
"लालू भाई 1500 तो नही है अभी, 1200 रूपये है बाकी मैं बाद में दे दूंगा चंपक भाई" कमल बोला।
अब तीनो के चेहरे खिले हुए लग रहे थे,"ठीक है कमल तू 300 लालू को बाद में दे देना, अभी मेरी वजह से लालू दे रहा है जैकेट" चंपक सटीक तरीके से बोला,
कमला ने 1200 रूपये लालू को दिए और चला गया खुशी खुशी, " अबे चंपक तुझे कैसे पता चला की कमल को जैकेट चाहिए ही चाहिए" खुश हो कर सूरी बोला"इसका भी एक हफ्ते पहले दिल टूटा था तो शराब पी के नशे में मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड समझ के बोल रहा था की मेने तुझे इतनी शॉपिंग कराई की खुद कुछ नही खरीद सका और तूने मेरे दिए हुए नए कपड़े पहन कर किसी और से इश्क लड़ाने लग गई, इतने बोलते ही चंपक हसने लगा और उसे देख के सूरी और चंपक भी हसने लगे,
"चलो इसका दिल टूटा तो इस को जैकेट मिल गई और मुझे शराब" लालू खूब हंसने लगा.
"दिल टूटना तो जिंदगी का एक बहाना है.असली मजा तो यारो से दिल की बात बताना है "सूरी सायराना अंदाज में बोला और फिर बाइक चालू कर के चल दिए, कहा??
वही यारों की महफिल सजाने, जाम उठाने,इन जिंदगी के पलो को नशे में समझाने।इस तरीके के शराबी यार है मेरे, खाने का बंदोबस्त कर पाए या नहीं, पर शराब के बंदोबस्त के लिए इनमे दस सिर आ जाते रावण के।ये तो एक छोटी थी झलक है मेरे शराबी यारो की,सूरी, चंपक और लालू के किस्से आपको मिलते रहेंगे तब तक के लिए धन्यवाद।