परोपकार का फल
परोपकार का फल
राजू एक 9 साल का बच्चा है। एक दिन वो खेलते खेलते एक नदी किनारे पहुंचता है वहाँ उसने देखा कि एक सुंदर पक्षी वहाँ मूर्छित हो कर पड़ी हुई थी वो लहूलुहान थी और ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी । राजू तुरंत पशुओं के डॉक्टर के पास जा कर उन्हें वहाँ बुला लाया। डॉक्टर ने पक्षी को ठीक कर दिया और राजू को उसके घर तक छोड़ा। डॉक्टर ने राजू की काफी तारीफ की यह सुन कर राजू के माता पिता बहुत खुश हुए। उन्हें राजू पर गर्व हुआ। उन्होंने राजू को उसकी मनपसंद चीजें तोहफे में दी।
इस पुरी घटना से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और दूसरों को भी मदद करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
