LALAN BEDIA

Drama

3.2  

LALAN BEDIA

Drama

मेरी आत्म कथा

मेरी आत्म कथा

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मैं अपनी कहानी अपने जन्म से शुरू करता हूं।

मैं बुधन राम (बदला हुआ नाम)मेरा जन्म एक बहुत ही पिछड़ा गांव(उस टाइम के) रीमझिमपुर(बदला हुआ नाम) और आदिवासी परिवार में हुआ था। मेरे परिवार में दादा जी,पिताजी माताजी और मेरे पिताजी के दो भाई इनमें से मेरे पापा बड़े थे, चूंकि हमारा ज्वाइंट परिवार नहीं था

लेकिन हमारा आंगन सबके लिए एक ही था। दादाजी और छोटे चाचा मंझले चाचा के साथ रहते थे उस वक्त तक छोटे चाचा की शादी नहीं हुई थी। आगे आपको बताता चलू की मेरे दादाजी रेलवे कर्मचारी थे। उस वक्त तक हम छोटे से मिट्टी और छप्पर बने हुए घर में रहते थे, जब मैं छोटा था तब मैंंने मम्मी को बारिश के में मौसम में पूरी रात जागते देखा है क्युकी जो बर्तन बारिश बूंदे से भर जाता था उसको खाली करना पड़ता था,

चूंकि बरसात में सही इन छप्परों की सही से मरम्मत नहीं हो पाता था तो ये हमारे लिए हर बरसात मे यही मनोदशा झेलना पड़ता था और इसका कारण आर्थिक इस्थिती सही नहीं होना भी है। आप सोचेंगे की दादाजी रेलवे में थे तो उनके द्वारा आर्थिक मदत्त करते होंगे चूंकि वे हमारे साथ नहीं रहते थे तो हमारी इतनी मदात्त कर पाते थे।


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