मौज लो

मौज लो

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किशन कौशिक की गाड़ी सेकटर-29, ओल्ड फरीदाबाद के सरकारी शराब की दुकान के सामने पहुंच गई।

गाड़ी से उतरकर वह सीधे सरकारी शराब की दुकान की तरफ बढ़ गया।

"क्या हाल हैं ठाकुर" अपना काला चश्मा उतारते हुए किशन ने सरकारी शराब की दुकान के काउंटर पर बैठे आदमी से पूछा।

"आपकी दुआ से सब अच्छा है कौशिक जी" बड़े ही आदर के साथ ठाकुर ने उत्तर दिया।

छोटू साहब के लिए एक पेटी बियर..... ठाकुर अभी इतना ही बोल पाया था कि किशन के हाथ का ईशारा देखकर वह रुक गया।

"एक नहीं दो पेटी.... साहब की गाड़ी में रखो" छोटू को दोबारा आदेश देते हुए ठाकुर ने कहा।

"क्या बात है साहब आप तो जब भी आतें हैं एक पेटी लेते थे आज दो.... कोई खास मौका है क्या"

"हाँ ठाकुर, कल तेरी भाभी का 12th कक्षा का परिणाम घोषित होगा" रुपये देते हुए किशन ने कहा।

"भाभी... और 12th... आपकी शादी कब हुयी" ठाकुर के चेहरे पर आश्चर्य के भाव थे

"अबे पगले ठाकुर... मेरी गर्लफ्रेंड तेरी भाभी हुयी के नहीं"

"अच्छा गर्लफ्रेंड... फिर तो दो पेटी होनी ही चाहिए थी.... मैं दुआ करूँगा भाभी अच्छे नंबरों से पास हो" रुपये गिनते हुए ठाकुर ने कहा।

किशन को यह सुनकर ना जाने क्यों गुस्सा आया। ठाकुर को घूरते हुए उसने कहा - अच्छे नंबर तो छोड़ अगर तूने उसके पास होने की भी दुआ करी तो गोली मार दूंगा।

"ठाकुर किशन की आँखें देखकर डर के मारे पसीना-पसीना हो गया लेकिन क्या, क्यों, कैसे पूछने की हिम्मत न कर पाया"

किशन ने अपना चश्मा पहना और गाड़ी की तरफ बढ़ गया।


ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना

हँसते गाते जहाँ से गुज़र

दुनिया की तू परवाह ना कर

मुस्कुराते हुए दिन बिताना

यहाँ कल क्या हो किसने जाना

ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना....

किशन की जेब रखा मोबाइल बज उठा। यह उसकी रिंगटोन थी

“हैलो अजित... हाँ भाई सब प्रोग्राम फिट है कल सुबह 11:00 बजे परिणाम घोषित होगा, सब दोस्तों के साथ 10:30 बजे तक फार्म हाउस पर पहुंच जाना"

"अच्छा यार पहुँच जाऊंगा... और फ़िक्र ना कर मैं दुआ करूँगा भाभी अच्छे नंबरों से पास हो" दूसरी तरफ से अजित ने कहा।

किशन यह बात सुनकर फिर गुस्सा हो गया - ख़बरदार अगर कोई -ऐसी-वैसी दुआ मांगी तो... अगर वो पास हो गयी तो गोली मार दूंगा।

"क्या"

"कुछ नहीं यार.. चल अब फोन रख कल मिलते हैं"

"ओके "

"ओके बाय. " कहते हुए किशन ने मोबाइल जेब में रख लिया।


हरे-भरे पेड़, हरी-हरी घास और अनेकों प्रकार के फूलों से भरा किशन का फार्महाउस ऐसे दिखाई दे रहा है मानो यह इस दुनिया की सबसे सुन्दर जगह हो।

कोई भी खास मौका होता है तो किशन व उसके दोस्त यही पार्टी करते हैं। दस बजते-बजते सब दोस्त आ गए और पूरी बैठक भर गई। मगर आज की पार्टी में एक बात अलग थी वो यह कि सब लोग अपने-अपने लैपटॉप साथ लाये थे क्यूंकि किशन ने उन्हें ऐसा आदेश दिया था।

कुछ देर तक खामोश बैठे रहे तब हारकर अजित ने पूछा यार किशन ये तो बता सबको लैपटॉप लेन को क्यों कहा... भाभी का परिणाम तो सभी में एक ही दिखेगा"।

हंसी के एक ठहाके के बाद किशन ने महफ़िल की शुरुवात करते हुए बोलना शुरू किया “दोस्तों जैसा की आप सब को पता है कुछ ही समय में तुम्हारी भाभी का बाहरवीं कक्षा का परिणाम घोषित होगा तो मैं चाहता हूँ की आप सब अपने-अपने लैपटॉप में उसका रिजल्ट चेक करें, उनका रोल नंबर और वेबसाइट का पता सामने लिखा हुआ है। आप में से जो भी मुझे आपकी भाभी के फ़ैल होने की खबर देगा मैं उसे मुंह माँगा इनाम दूंगा"।

"फ़ैल... "शब्द सुनकर सब हैरान थे।

"मगर हम तो कल से दुआ कर रहे हैं कि भाभी पास हो जाये...और अगर आप चाहते हो भाभी फ़ैल हो जाये फिर पार्टी किस ख़ुशी में दे रहे हो" किशन के एक हैरान-परेशां दोस्त ने पूछा।

"हाँ मैं चाहता हूँ की तुम्हारी भाभी फ़ैल हो जाये... और मैं चाहता हूँ की आप सब भी उसके फ़ैल होने की दुआ करे.... ये पार्टी आप सबसे यह दुआ करने की रिश्वत समझो"

"लेकिन मैं किसी का एक साल ख़राब होने की दुआ नहीं करूँगा" लैपटॉप बंद करते हुए किशन के दोस्त मनोज ने कहा।

"यदि ऐसा है तो भाई आपको पार्टी और ये ठंडी बियर छोड़कर जाना होगा"

"क्या... "

"हाँ... ये पार्टी सिर्फ उन देवरों के लिए है जो अपनी भाभी के फ़ैल होने की दुआ करेंगे"

अगर किशन ने सिर्फ पार्टी छोड़कर जाने को कहा होता तो शायद एक बार को मनोज ना भी रुकता लेकिन ठंडी बियर सुनकर मनोज ने अपना लैपटॉप फिर से ऑन कर लिया।

"अच्छा हुआ जो तूने जिद छोड़ दी क्योंकि तेरे दुआ करने या ना करने से कोई फर्क पड़ने नहीं पड़ने वाला" नवनीत ने मनोज को समझते हुए कहा।

"मतलब... मैं कुछ समझा नहीं"

"मतलब ये कि अपनी भाभी तो फ़ैल उसी दिन हो गयी थी जब उसने किशन भाई की भेजी हुई नक़ल का इस्तेमाल करके पेपर लिखा"

"यार क्यों कंफ्यूज कर रहा है? जब किशन भाई ने भाभी की हेल्प के लिए नकल भेजी है तो भाभी फ़ैल कैसे हो सकती है ?"

"हाहाहा.. ये बिलकुल सच है कि किशन ने भाभी के लिए हर पेपर में 80 से 85 नंबर की नकल / पर्चियां भेजी और उनकी वजह से ही भाभी फ़ैल होगी"

"यार पहेलियाँ मत बुझा" मनोज ने सिर खुजाते हुए कहा।

"तो सुन.... किशन ने भाभी को जो नक़ल / पर्चियां भेजी थी उन सब में बहुत छोटे मगर महत्वपूर्ण शब्दों को बदल दिया था उदाहरण के तौर पर इंग्लिश के पेपर में एप्लीकेशन लिखनी थी मारुती (कार) चोरी की और किशन भाई ने नक़ल भेजी मूर्ति चोरी की.... अब तू ही सोच तेरे दुआ करने या ना करने से कुछ फर्क पडेगा।

"ओह शुक्र है भगवान का सही समय पर सद्बुध्दि दे दी वरना ख़ामख़ाह में ... " मनोज ने कहते हुए वेब ब्राउज़र चालू किया।

किशन ने फिर बोलना शुरू किया “दोस्तों आप मुझे गलत न समझें मैं किसी बच्चे का साल ख़राब करने का नहीं सोच सकता बल्कि मैं दुआ करता हूँ कि आपकी भाभी को छोड़कर दुनिया के बाकि सारे बच्चे अच्छे अंकों के साथ पास हो, कामयाब इंसान बने और आप सब भी आपकी भाभी को छोड़कर बाकि सबके लिए पास होने की दुआ कर सकते हैं"

"तो भाभी के लिए क्यूं नहीं... "नहीं मनोज पूछे बिना ना रह सका

"वो इसलिए पगले अगर तेरी भाभी पास हो गयी तो वो उसकी मुझसे दूर जाने वाली हर सम्भावना एक साल जल्दी आ जाएगी"

"दूर जाने वाली सम्भावना... वो क्या हैं"

वो सम्भावनाएं हैं शादी... तुम्हारी भाभी ने बताया कि अगर वह पास हो गयी तो उसके घरवाले उसकी शादी कर देंगे"

"ओके-ओके अब समझ आयी बात"

"भाई मेरे वाली के लिए भी फ़ैल होने की दुआ करना" सुनील के बोलते ही सब हंस पड़े।

"गलत बात नहीं... पार्टी मैं दे रह हूँ तो दुआ सिर्फ और सिर्फ मेरे वाली के लिए की जाएगी वो भी फ़ैल होने की अगर कहीं वो पास गयी तो सबको गोली मार दूंगा"किशन के बोलते ही सब हंस पड़े।

"ठीक है भाई " सब लोग एक साथ बोल पड़े।

"तो दोस्तों ग्यारह बजने ही वाले है आप सब तैयार हो जाइये तब तक मैं जरा डी.जे. का इंतजाम चैक करता हूँ।"

ग्यारह बजते ही सब लोग अपने अपने लैपटॉप पर भाभी का परिणाम देखने में व्यस्त हो गए।

और फिर कुछ ही क्षण बाद सुनील लगभग उछलते हुए चिल्लाया "फ़फ़फ़ फेल.... किशन मुबारक हो भगवान ने हमारी सुन ली... भाभी तीन पेपरों में फेल यानि कि फेल है.... और नंबर देख के तो लगता है कभी पास होगी भी नहीं"

और फिर बारी-बारी सबने "फेल-फेल भाभी फेल" की मानो झड़ी सी लगा दी।

किशन की ख़ुशी का मानो कोई ठिकाना ही न रहा ख़ुशी से झूमता हुआ वह गाने लगा -

याहू... कोई मुझे जंगली कहे

मैं उसके कान पे मारुं

मैं पढ़ा लिखा जेंटल मैंन हूँतो कोई जंगली क्यूं कहे याहू... !

मेरे सीने में भी दिल है,

हैं मेरे भी कुछ अरमान

मुझे पत्थर तो न समझो,

मैं हूँ आख़िर एक इन्सानराह मेरी वही, जिसपे दुनिया चली

याहू... कोई मुझे जंगली कहे

"बस कर भाई अगर तुझे ही गाला फाड़कर गाना था तो डी.जे. किस लिए है" सुनील ने किशन को रोकते हुए कहा.

उधर मनोज ने एक बड़े से टब में बियर की सारी बोतलें उड़ेल दी साथ ही उसे ठंडा रखने के लिए बर्फ डाल दी गयी थी।

बम-पटाखे बजाए गए।

सभी के हाथों में बियर से भरे हुए गिलास थे। सभी ने एक दूसरे को भाभी के फेल होने की बधाई दी और ऐसे ही कुछ अवसर से जुडी वाक्यों का आदान-प्रदान हुआ।

किशन ने बोलना शुरू किया "मैं आप सब का शुक्रगुजार हूँ जो आप सब यहां आए और इस महफिल को इतना बेहतरीन बना दिया… आज का दिन मेरी जिंदगी के हसीन दिनों में से एक है"

जैसे ही ड़ी• जे• पर “ दिल्लगी " फिल्म का यह गीत शुरू हुआधूम-धूम लक-लक धूम-धूम लक-लक

आजा भंगड़े च मारके छडपा पैर रखधूम-धूम लक-लक धूम-धूम लक-लक

तो सबने मिलकर ड़ांस फ्लोर पर जो उधम मचाना शुरू किया वह देखते ही बनता था।

अचानक किशन ने सुनील को डी.जे. बंद करने का इशारा किया। और डी.जे. बंद होते ही किशन के मोबाइल की रिंगटोन सुनाई दी-ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना

हँसते गाते जहाँ से गुज़र

दुनिया की तू परवाह ना कर

मुस्कुराते हुए दिन बिताना

यहाँ कल क्या हो किसने जाना

ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना....

किशन का मोबाइल उसके हाथ में था। उसने सभी को चुप रहने का इशारा करके फोन रिसीव किया -

"हैलो सोना बेबी ...मैं अभी आपके बारे में ही सोच रहा था " किशन ने बड़े ही मधुर स्वर में कहा

"हैलो जी कैसे हो"

"बस आपको याद करके जी रहा हूँ सोना बेबी"

"अच्छा जी.. "

"हाँ जी"

"मैंने आपसे कुछ काम बोला था.. अपने किया क्या"

"हाँ सोना किया तो मगर...." इतना कहकर किशन चुप हो गया

"बताओ भी क्या हुआ"

"सोना मुझे ये बताने में बहुत दुःख हो रहा है कि आपका परिणाम अच्छा नहीं है..."

"क्या परिणाम है संक्षिप्त में बताओ.. और प्लीज सच बताना... मजाक मत करना "

"सोना आप तीन पेपरों में फेल हो गयी हो .." इसके बाद किशन ने बहुत ही निराश लहजे में हर पेपर के नंबर बताने शुरू किये मगर फोन पर दूसरी तरफ सोना बेबी सुबकियां ले ले कर रोना शुरू कर चुकी थी।

"मगर ऐसा कैसे... "सुबकियां लेते हुए सोना बेबी बात भी पूरी ना कर सकी।

"सोना बेबी चुप हो जाओ इसमें आपकी क्या गलती है हम सबको पता है"हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड" की मार्किंग / पेपर चेकिंग कितनी सही होती है। मैंने खुद आपको 80 से 85 नंबर की नक़ल भेजी है तो मुझे पता है कि "हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कि चेकिंग की लापरवाही के आलावा कोई कारण नहीं है कि आप फ़ैल हो जाओ" दिलाशा देते हुए किशन ने कहा।

मगर सोना बेबी का हरख अभी कम नहीं हुआ था और सुबकते-सुबकते उसने बाद में फोन करने को कहकर फोन रख दिया।

फोन कटते ही किशन ख़ुशी से उछलता हुआ चिल्लाया


मेरी डॉली तू बड़ी भोली

तुझे कैसे समझाऊं मैं

तू फ़ैल है तो हम पास हैं

तुझे कैसे बतलाऊँ मैं

कविता या कहानी

सब तेरे लिए रानी

बस तेरे लिए लिखूँ

बस तेरे लिए गाउँ मैं

मेरी डॉली तू बड़ी भोली

तुझे कैसे समझाऊं मैं

जो आज थोड़ा दुःख है

इसमें दोनों का सुख है

हर पल तू साथ हो

बस इतना चाहूं मैं

मेरी डॉली तू बड़ी भोली

तुझे कैसे समझाऊं मैं

बनवा दूँ तेरे गहने

सब मानू तेरे कहने

दुनिया को भुलाकर

बस तेरा हो जाऊं मैं

मेरी डॉली तू बड़ी भोली

तुझे कैसे समझाऊं मैं

धड़कन में बस जाऊँ,

साँसों में रम जाऊँ मैं

मेरी डॉली तुझे डॉली

में बिठा के ले जाऊं मैं

मेरी डॉली तू बड़ी भोली

तुझे कैसे समझाऊं मैं

और इसके बाद एक बार फिर से

डी.ज. शुरू हो गया -धूम-धूम

लक-लक धूम-धूम लक-लक

आजा भंगड़े च मारके छडपा

पैर रखधूम-धूम लक-लक

धूम-धूम लक-लक

और जो धमाल मचा

वह देर तक नहींं थमा।

सब लोग बहुत खुश थे।



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